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मेडिकल इन्क्लेव में चले ईट-पत्थर

मेडिकल इन्क्लेव के साथ सर्कुलर रोड पर निर्माणाधीन इमारत को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 11:16 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 05:04 AM (IST)
मेडिकल इन्क्लेव में चले ईट-पत्थर
मेडिकल इन्क्लेव में चले ईट-पत्थर

जागरण संवाददाता, अमृतसर: मेडिकल इन्क्लेव के साथ सर्कुलर रोड पर निर्माणाधीन इमारत को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। कुछ लोगों ने ईट-पत्थर चलाए, जिससे क्षेत्र में दशहत का माहौल बन गया। घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सब इंस्पेक्टर सतनाम सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।

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भूपिदर सिंह ने बताया कि पुलिस को शिकायत में बताया था कि उनके घर के पास एक अवैध निर्माण चल रहा है। कुछ दिन पहले एक डॉक्टर ने पहले से ही निगम द्वारा अवैध घोषित इमारत का निर्माण दोबारा शुरू कर दिया। उन्होंने निगम कमिश्नर को भी शिकायत दी। कुछ दिन काम बंद करने के बाद डॉक्टर ने फिर निर्माण शुरू करवा दिया। वीरवार को भी लोगों ने विरोध किया। उस दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी भी हुई थी। शुक्रवार को कुछ लोगों ने इलाके के लोगों पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। फाइनल नोटिस के बावजूद जारी रहा काम

हाउस लेन में हुए बहुमंजिला अवैध निर्माण को गिराने का नोटिस दिसंबर 2017 में जारी हुआ था, पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। एमटीपी विभाग द्वारा जारी फाइनल नोटिस में साफ कहा गया कि निर्माणकर्ता द्वारा इस जगह पर मंजूर प्लान के विपरीत तीन मंजिला निर्माण किया गया है। इसके लिए सात मार्च 2017 को भी शोकॉज नोटिस जारी किया गया था, जिसका कोई जवाब नहीं दिया गया। नोटिस के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई। मेडिकल इन्क्लेव वासी भूपिदर सिंह ने निगम कमिश्नर को कई बार शिकायत की। 15 फुट हाउस लेन में किया बहुमंजिला निर्माण

विभाग द्वारा जारी किए नोटिस में कहा गया कि मंजूर प्लान के मुताबिक निर्माणकर्ता ने पार्किंग के लिए जगह नहीं छोड़ी। इसके अलावा 15 फुट हाउस लेन छोड़ना जरूरी है, पर उस पर भी तीन मंजिला निर्माण खड़ा कर दिया गया। बिल्डिग बॉयलॉज के मुताबिक निर्माणकर्ता द्वारा किया गया अवैध निर्माण कम्पाउंड नहीं किया जा सकता। तीन दिन में गिराना था अवैध निर्माण, महीनों बीते

अवैध निर्माण गिराने का फाइनल नोटिस मिलने के तीन दिन के भीतर निर्माण गिराया जाना था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। 20 अप्रैल 2018 को तत्कालीन कमिश्नर सोनाली गिरि ने खुद इसके रैंप पर डिच चलवाई थी, तब भी लिखित में आश्वासन दिया गया था कि दस दिन में निर्माण गिरा लिया जाएगा, लेकिन इस बात को बीते भी चार महीने से ज्यादा का समय हो गया है।


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