एक और 'वीर', प्रेम को परवान चढ़ाने पहुंचा पाक और फिर छह साल बाद ऐसे लौटा
हामिद निहाल अंसारी की कहानी बॉलीवुड फिल्म वीरजारा जैसी ही है। फेसबुक पर पाकिस्तान की एक युवती से प्यार होने के बाद वह वहां पहुंच गया। अब छह साल जेल काटकर वहां से लौटा है।
अमृतसर, जेएनएन। भारत के इस युवक की कहानी बॉलीवुड फिल्म 'वीरजारा' की तरह ही है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी की पाकिस्तान की एक हसीना से फेसबुक पर दोस्ती हो गई और यह प्यार में बदल गई। प्यार इतना गहरा हुआ कि सरहद की परवाह नहीं रही और हामिद प्रेमिका से मिलने पाकिस्तान पहुंच गया। इसके बाद की कहानी फिल्म की तरह ही चली। हामिद वहां गिरफ्तार हो गया अौर पेश्ाावर जेल में पहुंच गया। छह साल की मशक्कत के बाद वह देश लौटा तो अटारी बॉर्डर पर पहुंचे तो आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दूसरी ओर, बुधवार को नई दिल्ली पहुंचने के बाद हामिद और उनकी मां ने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। उन्होंने हामिद की रिहाई के लिए विदेशमंत्री सुषमा स्वराज का धन्यवाद किया।
पेशावर जेल से रिहा होकर भारत पहुंचा कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी
पाकिस्तान की पेशावर जेल से रिहा होने के बाद मुंबई का सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी मंगलवार को ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी के रास्ते भारत पहुंचा। पेशावर से भारी सुरक्षा के बीच लाए गए हामिद अंसारी को पाक रेंजर्स ने जेसीपी अटारी बीएसएफ के हवाले किया।
हामिद की मां ने सुषमा स्वराज काे दिया धन्यवाद, कहा- सब आपने किया
पाकिस्तान की जेल से मंगलवार को रिहा होकर भारत पहुंचे हामिद निहाल अंसारी ने बुधवार को अपने परिवार के साथ नई दिल्ली में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। इस दौरान हामिद और उनकी मां काफी भावुक हो गए। हामिद की मां ने विदेश मंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि सारा कुछ आपने किया। आपके प्रयास से ही मेरा बेटा आज घर आया है। सुषमा स्वराज ने हामिद और उनके परिवार को बधाई दी।
भारत की सीमा में प्रवेश के बाद मां व अन्य परिजनों के साथ हामिद।
मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार छह साल बाद पाकिस्तान से भारत लौटे हामिद अंसारी को फेसबुक पर पाकिस्तान के खैबर पख्तून क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती से प्रेम हुआ था। काबुल से नौकरी का ऑफर आने की बात कहकर हामिद नवंबर 2012 में मुंबई से अफगानिस्तान पहुंचा और फिर वहां से पाकिस्तान पहुंच गया।
हामिद को 12 नवंबर 2012 को भारतीय जासूस होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में खुलासा हुआ कि उसे फर्जी दस्तावेज उसकी महिला मित्र ने ही उपलब्ध करवाए थे। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फर्जी पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने के आरोप में 15 दिसंबर 2015 को उसे तीन साल कैद की सजा सुनाई। इसके बाद अब उसे काफी मशक्कत के बाद रिहा किया गया।
हामिद को जीरो लाइन क्रास करते ही सुरक्षा एजेंसियों ने सुरक्षा घेरे में ले लिया और उससे पूछताछ की। इसके बाद हामिद को उसके सेवामुक्त बैैंकर पिता निहाल अंसारी, मुंबई के एक कालेज से सेवामुक्त वाइस प्रिंसिपल मां फौजिया अंसारी और भाई भाई खालिद अंसारी को सौंप दिया गया। इसके बाद तो वहां आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। अपने बेटे को गले लगाने पर मां की आंखों से आसुंओं की बरसात हो गई। हामिद भी मां से गले मिलकर फूट पडा और अन्य परिजन भी खुद को नहीं राेक पाए।
जीरो लाइन पर सरजमीं को किया नमन
पेशावर की सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद छह साल बाद हामिद अंसारी ने सरजमीं पर कदम रखते ही वह भारत मां कहते हुए जमीन पर लेट गया। जैसे ही वह जमीन से उठा तो वहां मौजूद उसकी मां फौजिया अंसारी ने उसे गले से लगा लिया और बार-बार चूमने लगी।
मां ने अपने बेटे को सिर से पांव तक देखा और पूछा कि पाकिस्तान में उसे टार्चर तो नहीं किया गया। अगर किया तो पाक फौजी उसे टार्चर करने में किस हद तक गए। इस पर अंसारी ने अपनी मां से कहा कि गैर कानूनी तौर पर पाकिस्तान जाना उसकी गलती थी, लेकिन वहां उसके साथ किसी ने बुरा व्यवहार नहीं किया। पाकिस्तान में उसकी सजा 15 दिसंबर 2018 को मुकम्मल हो चुकी थी लेकिन कुछ दस्तावेज मुक्कमल न होने के कारण उसे मंगलवार को रिहा किया गया।
मां बोली, आज का दिन ईद से कम नहीं
अटारी बार्डर पर पहुंचे हामिद अंसारी की मां फौजिया अंसारी ने अपने बेटे की रिहाई को लेकर कहा आज उसकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है और यह दिन ईद से कम नहीं है।
अटारी बॉर्डर पर बेटे का इंतजार करते हामिद के पिता और माता।
छह साल से नहीं मनाया घर में त्योहार
मां फौजिया ने कहा कि छह साल से उनके घर में न तो कभी ईद का त्योहार मनाया गया और न ही कोई अन्य खुशी मनाई। क्योंकि आज उसके जिगर का टुकड़ा पाक जेल से रिहाई के बाद उसे मिल रहा है तो आज का दिन ईद की खुशी से कम नहीं। बेटे को मिलने के बाद उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह बार-बार अपने बेटे के चेहरे को देख रही थी। वहीं इस मौके पर उपस्थित सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पिता निहाल अंसारी बिल्कुल शांत थे और उनके चेहरे पर खुशी झलक रही थी।
मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हुआ परिवार
अब हामिद परिवार मुंबई से दिल्ली शिफ्ट हो चुका है। परिवारिक सदस्यों ने बताया कि क्योंकि बेटे हामिद के लिए बार-बार दिल्ली में दूतावास के चक्कर लग रहे थे इसलिए परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया।