Article 370 का असरः भारत-पाक के बीच न ट्रेन, न बस, अब बार्डर पार के लिए मिलेगा ऐसा वीजा
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान में पैदा हुए तनाव दोनों देशों में आने जाने वाले नागरिकों पर पड़ेगा।
अमृतसर [पंकज शर्मा]। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद भारत पाकिस्तान में पैदा हुए तनाव दोनों देशों में आने जाने वाले नागरिकों पर पड़ेगा। अब पाकिस्तान से भारत आने वाले और भारत से पाकिस्तान जाने वाले दोनों देशों के नागरिकों को पैदल ही बार्डर क्रास करना पड़ेगा, क्योंकि दोनों देशों के बीच रेल और बस सेवा बंद होने के बाद अब नागरिकों को पैदल बार्डर क्रास करने का वीजा ही मिल पाएगा।
बता देें कि दोनों देशों से गुरुधामों के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत आते जाते हैैं। इसके अलावा भारत के अलग-अलग राज्यों में बसे लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने पाकिस्तान जाते हैैं। अब दोनों देशों के बीच बस और रेल सेवा बंद होने के बाद इन नागरिकों को अटारी-वाघा बार्डर पर जीरो लाइन से पैदल बार्डर क्रास करना पड़ेगा।
इससे पहले यह नागरिक दिल्ली और लाहौर से चलने वाली बसों व रेल का लाभ उठाते थे, परंतु दोनों देशों के नागरिकों को अब बार्डर क्रास करने के लिए अपने स्तर पर भारत में अटारी और पाकिस्तान में वाघा पहुंचना पड़ेगा। जानकारों के अनुसार ऐसा करने पर दोनों देशों के नागरिकों का खर्च और सफर की परेशानी दोनों बढ़ जाएंगे।
वहीं गुरुधामों के दर्शनों के लिए आने जाने वाले श्रद्धालुओं का खर्च भी बढ़ेगा। इस समय गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर भारत पाक के मध्य जत्थों का आना जाना लगा हुआ है। पहले जहां यह जत्थे बस या रेल का लाभ ले रहे थे वहीं अब इन जत्थों को पैदल चलकर बार्डर क्रास करना पड़ रहा है। बार्डर पर इमिग्रेशन व कस्टम क्लीयरेंस के बाद जत्थे पाकिस्तान और भारत में प्रवेश करेंगे।
पाकिस्तान से पैदल आया 45 श्रद्धालुओं का जत्था
पाकिस्तान से आए 45 सिख श्रद्धालुओं के जत्थे ने शुक्रवार को भारत में पैदल प्रवेश किया। जत्थे को पैदल बार्डर क्रास करने का वीजा दिया गया है। भाई प्रीतम सिंह की अगुवाई में भारत आया जत्था श्री हरिमंदिर साहिब के दर्शनों के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, गोबिंदधाम, हेमकुंड साहिब, तख्त पटना साहिब, तख्त नदेड़ साहिब आदि स्थानों के दर्शन कर वापस लौटेगा। जत्थे को 25 दिनों का वीजा दिया गया है।
भारत में प्रवेश करने से पहले जत्थे में शामिल श्रद्धालु अपने अपने वाहनों से वाघा बार्डर पर पहुंचे थे और इसके बाद सड़क से पैदल चलकर अटारी पहुंचे। यहां पर उनका स्वागत एसजीपीसी के एडिशनल मैनेजर रजिंदर सिंह रूबी सहित अन्य लोगों ने किया। उधर, एसजीपीसी के मुख्य सचिव डॉ. रूप सिंह ने कहा कि बस और रेल के बंद होने से जत्थों के आने जाने पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जत्थों के आने जाने पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
जत्था लेकर पाकिस्तान जाने वाले खालड़ा मिशन कमेटी के चेयरमैन बलविंदर सिंह झब्बाल ने कहा कि बस और रेल सेवा बंद करने का प्रभाव श्रद्धालुओं के उत्साह पर नहीं पड़ेगा। पहले भी कई बार जत्थे सड़क मार्ग से पाकिस्तान जाते रहे हैैं। बस और ट्रेन सर्विस पहले भी कई बार बंद हो चुकी है। जत्थे के श्रद्धालु वहां पहुंचकर वाहन किराये पर लेकर गुरुधामों के दर्शन करेंगे।
पैदल वीजा से खर्च बढ़ेगा
ननकाना साहिब यात्री जत्था के जत्थेदार स्वर्ण सिंह गिल ने कहा कि जत्थों का आना जाना प्रभावित नहीं होगा। हां, पैदल जाने का वीजा मिलने के बाद श्रद्धालुओं को वाहनों का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।