Langoor Mela: आज अमृतसर में दिखाई देंगे लंगूर तथा बजरंगी सेना, उमड़ेगा भक्तों का जनसैलाब
अमृतसर के विश्व विख्यात श्री लंगूर मेले का आगाज सोमवार को होगा। लाल व सिल्वर गोटे वाला चोला सिर पर टोपी हाथ में छड़ी पकड़े पांव में घुंघरू बांधे और ढोल की थाप पर झूमते लंगूर बने बच्चे सबके आकर्षण का केंद्र होंगे।
कमल कोहली, अमृतसर : जय श्री राम और जय श्री हनुमान के जयकारों के साथ विश्व विख्यात श्री लंगूर मेले का आगाज सोमवार को होगा। लाल व सिल्वर गोटे वाला चोला सिर पर टोपी, हाथ में छड़ी पकड़े, पांव में घुंघरू बांधे और ढोल की थाप पर झूमते लंगूर बने बच्चे सबके आकर्षण का केंद्र होंगे। यह धार्मिक अद्भुत नजारा पूरे विश्व में सिर्फ श्री दुर्ग्याणा तीर्थ परिसर में अस्थान श्री बड़ा हनुमान मंदिर में शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन लगने वाले श्री लंगूर मेले में दिखाई देगा।
इस लंगूर मेले की तैयारियां हेतु कमेटी द्वारा सभी प्रबंध पूरे किए गए हैं। लंगूर मेले के प्रथम दिन सोमवार को परिसर के बने बाहरी कंप्लेक्स में करीब 150 पंडितों का इंतजाम किया गया है। जहां पर लंगूर बनने वाले बच्चों के माता-पिता द्वारा पंडितों से पूजा-अर्चना करवाई जाएंगी। लंगूर बनने वाले बच्चों को स्नान करवाया जाएगा। उसके बाद पंडितों द्वारा पूरी धार्मिक परंपरा के अनुसार बच्चों को पहनाए जाने वाले वस्त्रों की पूजा-अर्चना की जाएगी। उसके बाद बच्चों को लंगूर वाली पोशाक पहनाई जाएगी। 10 दिन तक धार्मिक परंपरा को निभाने का प्रण किया जाएगा।
मंदिर का इतिहास
श्री दुर्ग्याणा तीर्थ परिसर के नजदीक श्री बड़ा हनुमान मंदिर स्थित है। यह मंदिर श्री रामायण काल का बताया जाता है। इस मंदिर में श्री हनुमान जी की बैठी अवस्था की प्रतिमा है। मान्यता है कि यह प्रतिमा श्री हनुमान जी ने स्वयं बनाई थी। लव कुश ने जब भगवान श्री राम जी की सेना के साथ युद्ध किया था तब लवकुश ने इसी मंदिर में श्री हनुमान जी को वट वृक्ष से बांध दिया था। यह वट वृक्ष आज भी मंदिर में सुशोभित है।
जब हनुमान बंधन से मुक्त हुए तो श्रीराम ने उनको आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि जो भी निसंतान दंपती इस मंदिर में सच्चे मन से संतान की प्राप्ति के लिए आराधना करेगा, उसकी सभी मनोकामना पूरी होगी। यह ऐसा स्थान है जहां पर श्री राम का उनके संतान के साथ मिला हुआ था। इस मंदिर में जिन परिवारों के घर संतान की प्राप्ति होती है वह शारदीय नवरात्रों के दिनों में 10 दिन तक अपने बच्चों को लंगूर बनाते हैं और 10 दिनों तक कठिन तपस्या में दो बार मंदिर में नतमस्तक होने आते करना होता है।
मेले में लंगूर बनने के नियम
लंगूर मेले के दौरान लंगूर बनने वाले बच्चे और उनके माता-पिता को कई धार्मिक नियमों से गुजरना पड़ता है। यह नियम इस प्रकार है। प्रथम दिन लंगूर बनने से पहले होने वाली पूजा में मिठाई, नारियल, दो पुष्प हार अर्पित करने होते हैं। इसके बाद पुजारी से आशीर्वाद लेकर वर्दी धारण की जाती है। प्रतिदिन दो समय माथा टेकना होता है।
इसके अलावा जमीन पर सोना, जूते-चप्पल नहीं पहनना, चाकू की कटी हुई कोई चीज नहीं खाना आदि जैसे भी नियम हैं। लंगूर अपने घर के अलावा किसी और के घर के अंदर नहीं जा सकता है। लंगूर बनने वाला बच्चा सुई, धागे का काम और कैंची नहीं चला सकता। उसे 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। 10 दिन तक वह ठाकुर जी का सुमिरन करता है। फिर, विजयदश्मी को लंगूर बना बच्चा रावण व मेघनाद के पुतलों को तीर मारता है। अगले दिन छोटे हनुमान मंदिर में हनुमान जी के आगे नतमस्तक होकर अपनी लाल रंग की वर्दी उतार देता है।
कपाट खुलने का समय
लंगूर मेले के दौरान श्री बड़ा हनुमान मंदिर के कपाट प्रथम दिन सोमवार की प्रातः 4 बजे खुल जाएंगे। दोपहर तक खुले रहेंगे जब तक हर एक लंगूर बनने वाला परिवार दरबार में नतमस्तक हो जाएगा। शाम को 4 बजे से 10 बजे तक कपाट खुले रहेंगे। आगामी दिनों में कपाट 5 बजे से लेकर दोपहर 1:15 बजे तक तथा शाम 3 बजे से लेकर रात 10 बजे तक माथा टेकने के लिए खुले रहेंगे।
माथा टेकने के लिए रास्ता
लंगूर बनने वाले बच्चों व उनके परिवारों के लिए तथा बजरंगी सेना के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं। लंगूर बनने वाले बच्चे व उनके माता-पिता माता शीतला मंदिर के जाने वाले रास्ते से श्री हनुमान मंदिर में प्रवेश करेंगे तथा बजरंगी सेना वाले श्री दुर्ग्याणा तीर्थ कार्यालय से की ओर जाने वाले श्री रघुनाथ मंदिर से श्री बड़ा हनुमान मंदिर में प्रवेश करेंगी।
श्री दुर्ग्याणा कमेटी ने किए सभी प्रबंध पूरे
श्री दुर्ग्याणा कमेटी के प्रधान प्रोफेसर लक्ष्मीकांता चावला महामंत्री अरुण खन्ना व श्री गिरिराज सेवा संघ प्रधान संजय शर्मा ने बताया ने कि श्री लंगूर मेले को लेकर सभी प्रबंध पूरे किए गए हैं। लंगूर मेले में बाहर से आने वाले लोगों के लिए धर्मशाला का विशेष प्रबंध किया गया है। इस बार करीब 5000 बच्चों के लंगूर बनने की संभावना है। लोगों की सुविधा के लिए चाय पानी में लंगर की व्यवस्था की गई है।
लंगूर बनने वाले बच्चों व उनके परिवारों के लिए पूरे दिन धार्मिक नियम के अनुसार भोजन तैयार करवाया जाएगा। इसके अलावा सुरक्षा हेतु भी करें प्रबंध किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी हर तरफ नजर रखी जाएगी। सेवादारों की भी ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस प्रबंध भी कड़े करने के लिए विभाग को लिखा गया है।