नशा तस्करों के खिलाफ लोगों ने बनाई 'ब्रिगेड'
जनाब! गांव में धड़ल्ले से नशा बिक रहा है। युवा मौत की मुंह में जा रहे हैं। पुलिस की नाक तले ड्रग पैडलर नशा बेचकर चलते बनते हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर
'जनाब! गांव में धड़ल्ले से नशा बिक रहा है। युवा मौत की मुंह में जा रहे हैं। पुलिस की नाक तले ड्रग पैडलर नशा बेचकर चलते बनते हैं। पुलिस हमारी शिकायत सुनती नहीं। कब तक अपनों को तिल-तिल मरते देखते रहेंगे। अब हम खुद ही नशा तस्करों से निबटेंगे। नशा बेचने वाले को पकड़कर उसकी छित्तर परेड की जाएगी। साथ ही नशा करने वालों के नशा मुक्ति केंद्र भेजा जाएगा' नशा तस्करों के खिलाफ जंग छेड़ने का यह फैसला सुल्तानविड गांव में रहने वाले लोगों का है।
दरअसल, सुल्तानविड गांव में नशे की विष बेल घर-घर तक लिपट चुकी है। नशे की ओवरडोज की वजह से गांव के छह युवाओं की मौत हो चुकी है। स्थानीय निवासियों मनजीत सिंह, भूपिदर सिंह फौजी, दिलबाग सिंह जत्था सिरलत्थ खालसा व करतार सिंह गतका मास्टर का कहना है कि पिछले दस सालों में इस गांव में दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। किसी का भाई चला गया, तो किसी का बेटा। गांव में तीन बुजुर्ग महिलाएं हैं जिनका बुढ़ापे का सहारा नशा तस्करों ने छीन लिया। गांव में नशा तस्कर नशे की पुड़िया लेकर घूमते रहते हैं। हमने कई बार इन्हें रोका, हाथ भी जोड़े, पर ये दबंग नशा तस्कर चंद रुपयों की लालच में मौत बांट रहे हैं। पुलिस प्रशासन भी हमारी पुकार नहीं सुन रहा। ऐसे में एकमात्र उपाय यही है कि इन नशा तस्करों के खिलाफ पूरा गांव लड़े। गांववासियों ने लोक इंसाफ पार्टी के जिला अध्यक्ष मनदीप सिंह बब्बी को इस समस्या से अवगत करवाया था। पार्टी ने सुल्तानविड गांव में लोक भलाई सोसाइटी के सदस्यों के साथ मिलकर पूरे गांव को लामबंद किया है। गांववावासियों ने फैसला लिया है कि गांव में नशा तस्कर के आने पर पूरा गांव उसकी घेराबंदी करके छित्तर परेड करेगा। अब गांव का कानून ही नशा तस्करों पर लागू होगा।
पुलिस ने कार्रवाई न की तो हम जानते हैं क्या करना है : बब्बी
लोक इंसाफ पार्टी के जिला अध्यक्ष मनदीप सिंह बब्बी ने कहा कि गांव की एकजुटता से यह साफ है कि अब नशा तस्करों को यहां मुंह की खानी पड़ेगी। लोक इंसाफ पार्टी गांववासियों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। अब पहले पुलिस को ज्ञापन देंगे कि गांव को नशा मुक्त किया जाए। यदि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो फिर हमें क्या करना है, यह हम जानते हैं। हम पंजाब के सभी गांवों में रहने वाले लोगों से यह अपील करते हैं कि वे भी अपने स्तर पर ही नशा तस्करों पर शिकंजा कसें। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने पावन गुटका साहिब की सौगंध खाकर नशा खत्म करने की बात कही थी। अफसोस, मुख्यमंत्री ने लोगों की धार्मिक भावनाओं का तिरस्कार किया है।
गांव में नशे से कोई तड़प-तड़प कर मरा तो कोई सड़क पर मृत मिला
सुल्तानविड गांव में जिन छह युवाओं की नशे की ओवरडोज से मौत हुई है उन्होंने तड़प-तड़प कर दम तोड़ा है। कोई सड़क पर मृतावस्था में मिला, तो कोई बिस्तर पर ही दम तोड़ गया। कुछ युवा रात को घर पर सो गए, लेकिन सुबह उठे नहीं। पिछले वर्ष निवर्तमान सांसद गुरजीत सिंह औजला ने शहर के कई भागों से नशा सेवन करने वाले युवाओं को घरों से निकालकर नशा मुक्ति केंद्र पहुंचाया था, पर यह प्रयास भी सार्थक सिद्ध नहीं हो पाया। ये युवक नशा मुक्ति केंद्र में चार से पांच दिन से ज्यादा नहीं रहे और वहां से भागकर घरों में आ गए। इसके बाद पुन: नशे के सुरूर में खो गए।