होमगार्ड को फटकार के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में आया सुधार
अमृतसर पंजाब होमगार्ड के जवान अधिकारियों की फटकार के बाद अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की कोशिश में जुट गए हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर
पंजाब होमगार्ड के जवान अधिकारियों की फटकार के बाद अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने की कोशिश में जुट गए हैं। गुरुनानक देव अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर सचिन वर्धन पर हुए हमले के बाद होमगार्ड जवानों पर अंगुलियां उठीं थीं। डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा था कि होमगार्ड जवान अपने कर्तव्य के प्रति संजीदा नहीं है। यदि होमगार्ड के जवान ड्यूटी पर मुस्तैद होते तो शायद डॉक्टर पर हमला करने वाले यह दुस्साहस नहीं कर पाते। अपनी ओर उठ रहीं इन अंगुलियों के बाद होमगार्ड जवान परेशान हैं। उन्हें यह भी डर सता रहा है कि कहीं पुलिस विभाग उनके खिलाफ सख्त एक्शन न ले लें। यही वजह है कि मंगलवार को होमगार्ड जवान सीना तानकर ड्यूटी पर खड़े रहे।
गुरुनानक देव अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में खड़े इन जवानों ने अस्पताल में आने वाले हर शख्स से पूछताछ की और इसके बाद ही अंदर जाने दिया गया।
दरअसल, रेजिडेंट डॉक्टर सचिन वर्धन पर बीते शनिवार को हुए हमले के जूनियर रेजिडेंट व सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने रविवार व सोमवार इमरजेंसी वार्ड में धरना लगाकर होमगार्ड जवानों को हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि होमगार्ड जवान कुछ नहीं करते। एक मरीज के साथ दस-दस लोग अस्पताल में दाखिल हो जाते हैं, उन्हें रोकने वाला कोई नहीं। डॉक्टरों पर हमला कर दिया जाता है, पर होमगार्ड जवान सोये रहते हैं। इसलिए यहां पंजाब आर्म्ड पुलिस के जवान तैनात किए जाएं।
एसीपी नॉर्थ सर्बजीत ¨सह बराड़ ने डॉक्टर्स को भरोसा दिया था कि होमगार्ड जवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वह पुलिस कमिश्नर से बात कर यहां सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता करेंगे।
पुलिस विभाग ने होमगार्ड जवानों की जमकर ¨खचाई की और उन्हें अपनी ड्यूटी नियमानुसार करने का आदेश दिया है। इसी बीच मंगलवार को होमगार्ड जवानों के साथ-साथ मजीठा रोड थाने की पुलिस भी गुरुनानक देव अस्पताल की सुरक्षा में लगा दी गई।
थाने की पुलिस तैनात होने के बाद होमगार्ड जवानों को यह अहसास हो चुका है कि अब उन्हें यहां से जाना पड़ेगा। अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गाज गिराने से पहले ये होमगार्ड जवान अपनी साख बचाने के लिए पूरी शिद्दत से ड्यूटी पर मुस्तैद दिखाई दिए। मंगलवार को सांसद गुरजीत ¨सह औजला भी गुरुनानक देव अस्पताल पहुंचे थे। सांसद के आगमन से पूर्व होमगार्ड जवान इमरजेंसी वार्ड में तैयार-बर-तैयार थे।
असल में अस्पताल की सुरक्षा के लिए पुलिस विभाग ने होमगार्ड जवानों को तैनात किया है। उन्हें अस्पताल की पहली मंजिल पर एक कमरा भी दिया गया है। डॉक्टर्स के अनुसार ज्यादातर होमगार्ड जवान कमरे में बैठकर ही ड्यूटी निभाते हैं। अस्पताल की सुरक्षा से उन्हें कोई सरोकार नहीं।
शराब पीकर गिर गया था होमगार्ड जवान, सस्पेंड किया
पिछले सप्ताह होमगार्ड का एक जवान शराब के नशे में इतना चूर हो गया कि सुध बुध खो बैठा। वह ड्यूटी पर तैनात था और लड़खड़ाते हुए कदमों से इमरजेंसी वार्ड में ढेर हो गया। अस्पताल के पीजी डॉक्टर्स ने उसे वार्ड में एडमिट कर ट्रीटमेंट दिया था। इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने कार्रवाई करते हुए इस जवान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। इसके बाद भी होमगार्ड की गारद अपनी ड्यूटी के प्रति संवेदनशील नहीं हुई। बीते शनिवार को रेजिडेंट डॉक्टर सचिन वर्धन पर जिस समय हमला हुआ, तब अस्पताल में होमगार्ड का जवान तैनात नहीं था। घटना की जानकारी मिलने के बाद दो जवान पहुंचे, लेकिन हमलावर उन्हें धक्का मारकर वहां से निकल गए।