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सवालों से परेशान सिद्धू बोले, काशी में पुल गिरा तो क्‍या पीएम पर दर्ज होता केस

अमृतसर हादसे पर सवालाें से परेशान नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि स्‍थानीय विधायक होने के नाते उन पर केस दर्ज नहीं हो सकता। ऐसा है तो काशी में पुल गिरने पर पीएम पर भी केस दर्ज होता।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 09:11 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 09:11 AM (IST)
सवालों से परेशान सिद्धू बोले, काशी में पुल गिरा तो क्‍या पीएम पर दर्ज होता केस
सवालों से परेशान सिद्धू बोले, काशी में पुल गिरा तो क्‍या पीएम पर दर्ज होता केस

जेएनएन, अमृतसर। पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जोड़ा फाटक हादसे पर सवालों से परेशान हो गए हैं। खुद पर हो रहे हमले से परेशान सिद्धू ने कहा कि हादसा होने पर हलका विधायक पर एफआइआर दर्ज नहीं हो सकती। रेल हादसे के बाद सिद्धू दंपती पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे अपने राजनीतिक विरोधियों को जवाब देते हुए कहा कि ऐसा नहीं होता है। अगर ऐसा होता तो काशी में पुल गिरने से गई दर्जनों जानें जाने पर देश के प्रधानमंत्री पर केस दर्ज हो जाता, क्योंकि काशी हमारे देश के प्रधानमंत्री का हलका है।

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 कहा- विरोधी राजनीतिक रोटियां सेकने की बजाए पीडि़तों की मदद के लिए आगे आएं

उन्होंने कहा, मैं अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं रहा हूं, परंतु कुछ लोग इस हादसे पर राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे लोगों को लाशों पर राजनीति करने की बजाए पीडि़त परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू ने यहां सर्किट हाउस में रेल हादसा पीडि़त 8 परिवारों को मुआवजा राशि के चेक बांटने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे।

हादसे में अपने परिजनों को खोने वाले लोगों को सांत्‍वना देते नवजोत सिंह सिद्धू।

उन्होंने कहा कि यह वक्त हादसे के बाद बनी परिस्थितियों को सुलझाने और पीडि़तों के साथ कंधे से कंधा मिला खड़े होने का है, न कि राजनीति करने का। चेक बांटने के बाद उनकी जिम्मेवारी खत्म नहीं हुई बल्कि शुरु हुई है। पीडि़त परिवारों के बच्चों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाएंगे। क्योंकि यह मेरा परिवार है और ऐसा मैंने 2004 में अमृतसर आने के पहले दिन कहा था।

उन्‍होंने कहा कि वह 37 साल पटियाला में रहे और इंग्लैंड से भी उन्हें ऑफर था लेकिन उन्होंने अमृतसर को अपना परिवार माना और हमेशा के लिए यहां रहने का फैसला किया। उन्होंने दोहराया कि पीडि़त परिवारों की वह जिम्मेदारी लेंगे। राजनीतिक, सामाजिक संगठन आगे आएंगे तो उनका बोझ हल्का होगा।

कहा, सब कुछ रेलवे का तो रेलवे दे जवाब

उन्होंने कहा कि पंजाब में 21 जगह रेल ट्रैक के नजदीक रावण दहन किया गया। लुधियाना में ट्रेन की स्पीड 30 किलोमीटर थी तो अमृतसर में ट्रेन 130 किलोमीटर की स्पीड पर क्यों चली। रेल रेलवे की, गार्ड रेलवे के, पेट्रोलिंग रेलवे की, गेट रेलवे के और एफआइआर भी रेलवे के थाने में, तो उन्हें इसका जवाब देना ही होगा।

कितनी जगह मांगी गई मंजूरी, जुटाई जा रही है जानकारी

सिद्धू ने कहा कि रेलवे लाइनों के निकट दशहरा उत्सव के लिए मंजूरी मांगने वालों की जानकारी भी निकलवाई जा रही है। मामले की जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे से बचा जा सके।

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रेल हादसे का शिकार 8 और मृतकों के परिवारों को दिए 5-5 लाख के चेक

नवजोत सिंह सिद्धू ने रेल हादसे का शिकार हुए 8 और मृतकों के परिवारों को  कैबिनेट मंत्री सुखबिंदर ङ्क्षसह सुख सरकारिया, साधु सिंह धर्मसोत और नवजोत सिंह सिद्धू ने पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा राशि के चेक दिए।  सरकारिया ने कहा कि पंजाब सरकार इस दुख में पीडि़त परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि बीते दिन 21 परिवारों को चेक दे दिए गए थे जबकि आज 8 अन्य परिवारों को मदद दी गई है। शेष परिवारों को भी बहुत जल्द सहायता राशि के चेक के दिए जाएंगे।

साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की कमी तो कभी पूरी नहीं की जा सकती, लेकिन राज्य सरकार की यह मदद पीडि़त परिवारों को कुछ राहत जरूर देगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों के दुख को दिल से महसूस करती है और पीडि़त परिवारों के पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।
 


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