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नाबालिग पीड़ित और कानूनी विवादों में फंसे बच्चों की पहचान सार्वजनिक न करे : पवनदीप कौर

किसी भी नाबालिग पीड़ित और कानूनी विवादों में फंसे बच्चों की पहचान मीडिया रिपोर्टो में सार्वजनिक न की जाए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 05:13 PM (IST)
नाबालिग पीड़ित और कानूनी विवादों में फंसे बच्चों की पहचान सार्वजनिक न करे : पवनदीप कौर
नाबालिग पीड़ित और कानूनी विवादों में फंसे बच्चों की पहचान सार्वजनिक न करे : पवनदीप कौर

जागरण संवाददाता, अमृतसर : किसी भी नाबालिग पीड़ित और कानूनी विवादों में फंसे बच्चों की पहचान मीडिया रिपोर्टो में सार्वजनिक न की जाए, ताकि ऐसे बाल या नाबालिग बच्चों को किसी भी तरह के संभावित नुकसान, कलंक और बदले की कार्रवाई से बचाया जा सके। यह अपील जिला बाल सुरक्षा अफसर पवनदीप कौर ने करते हुए कहा कि जिस्मानी शोषण के शिकार बच्चों की पहचान जाहिर करना जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 और पोक्सो एक्ट 2012 के प्रावधान का सीधा उल्लंघन है और कानून में सजा और जुर्माने की भी व्यवस्था है।

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उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रोनिक प्रिट और आनलाइन मीडिया से जुड़े लोगों को उक्त कानून के बारे में जागरूक किया जाए और बताया जाए कि नाबालिग पीड़िता या कानूनी विवादों में फंसे या विशेष जरुरतमंद बच्चों की पहचान को जाहिर न किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर अखबारों में ऐसे बच्चों की पहचान जाहिर हो जाती है तो हो सकता है कि उन्हें किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़े। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले बाल शोषण की शिकार हुई बच्ची के स्कूल और कक्षा के बारे में सूचना मीडिया द्वारा सार्वजनिक कर दी गई थी, नतीजतन भविष्य में उस स्कूल की कक्षा की छात्राओं के साथ कोई भी शादी करने को तैयार नहीं था, क्योंकि उनमें कोई एक बच्ची बाल शोषण का शिकार हुई थी। उन्होंने कहा कि एक अखबार की न्यूज का हर्जाना उस स्कूल की कथित कक्षा की सभी छात्राओं को भुगतना पड़ा।


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