हाई कोर्ट के आदेश, अमृतसर में शव अदला-बदली मामले में DNA Test की संभावना तलाशे सरकार
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अमृतसर स्थित जीएनडीएच में कोरोना पॉजीटिव शवों की अदला-बदली के मामले में डीएनए टेस्ट की संभावना तलाशने के निर्देश दिए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। अमृतसर स्थित गुरु नानक देव अस्पताल में मुकेरियां (होशियारपुर) के बुजुर्ग के शव की अदला-बदली मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को डीएनए परीक्षण की संभावना तलाशने के आदेश दिए हैं। 92 वर्षीय प्रीतम सिंह की गुमशुदगी के मामले में हाई कोर्ट में दायर जवाब में पंजाब सरकार ने माना है कि प्रीतम सिंह का निधन हो चुका है और उनका शव किसी और से बदले जाने के चलते उनका अंतिम संस्कार किया जा चुका है।
इस मामले में प्रीतम सिंह के बेटे गुरचरनजीत सिंह व दलबीर सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक पुरी की पीठ ने पंजाब सरकार को प्रीतम सिंह की अस्थियों का डीएनए टेस्ट करवाने की संभावना तलाशने को कहा है। हाई कोर्ट ने इस बारे में 29 जुलाई तक रिपोर्ट दायर करने को कहा है।
एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने बताया कि पंजाब सरकार ने इस मामले में दायर स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि प्रीतम सिंह का शव गलती से एक महिला के शव से बदल गया था और महिला के परिजनों ने पूरे रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन बाद में महिला का शव प्रीतम सिंह के परिवार के पास मिलने की सूचना पर महिला का परिवार बाकी के रिवाज पूरे करने से पीछे हट गया। इस पर जिला प्रशासन ने प्रीतम सिंह की अस्थियां प्राप्त की और इन्हें अब अमृतसर के शहीदां साहिब शवदाह गृह में सुरक्षित रखवाया गया है।
यह है मामला
बुजुर्ग प्रीतम सिंह की गुमशुदगी का मामला लेकर हाई कोर्ट पहुंचे उनके बेटों ने अपनी याचिका में कहा था कि 18 जुलाई को उन्हें बताया गया कि उनके पिता का 17 जुलाई को रात 11 बजे निधन हो गया। मुकेरियां में उन्हें उनके पिता का शव सौंपा गया, लेकिन जब परिवार ने देखा तो यह शव पदमा नाम की महिला का था। इसके बाद उन्होंने महिला का शव मुकेरियां के शव गृह में रखवा दिया।
याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उनके पिता जीवित हैं और अभी गुरु नानक देव अस्पताल में ही हैंं।याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में अस्पताल में किसी बड़े घोटाले की आशंका जताते हुए उनके पिता की गुमशुदगी के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की थी।