हैरिटेज स्ट्रीट में छांव ढूंढ रहे हैं पर्यटक
अमृतसर राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर टाउन हाल से श्री दरबार साहिब तक हैरिटेज स्ट्रीट का निर्माण किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर टाउन हाल से श्री दरबार साहिब तक हैरिटेज स्ट्रीट का निर्माण किया। लेकिन इस दौरान ब्यूटीफिकेशन
के काम में रुकावट बने पुराने और बड़े पेड़ों को काट दिया गया था। अब इसका खामियाजा यहां पहुंचने वाले सैलानियों को भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि इससे पहले चिलचिलाती धूप में श्री दरबार साहिब जाते समय पेड़ों की छांव में पल भर के लिए रुक जाते थे, लेकिन अब उन्हें पेड़ के नीचे नहीं बल्कि तपते पत्थरों के बेंचों पर दम लेना पड़ रहा है।
गौर हो कि प्रदेश की तत्कालीन अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने अमृतसर के टाउन हाल चौक से श्री दरबार साहिब तक जाने वाले मुख्य रास्ते को हैरिटेज लुक देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए। लेकिन आज हालात यह है कि श्री दरबार साहिब माथा टेकने आने वाले सैलानी तेज गर्मी में परेशान हो रहे हैं। देश-विदेश यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को टाउन हाल से लेकर श्री दरबार साहिब तक पैदल सफर तय करना पड़ता है। इस दौरान रास्ते में एक भी छायादार पेड़ नहीं है। प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर ¨सह बादल का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था।
स्थानीय टाउन हाल चौक के फुटपाथ पर पौधे के टहनियों के नीचे कड़कती धूप में बैठे किशोर चंद, चांदनी, रितेश व कविता ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा हैरिटेज स्ट्रीट बनाना सराहनीय काम है। लेकिन सैलानियों को गर्मी में पेश आ रही मुश्किलों से राहत दिलवाना भी राज्य सरकार व जिला प्रशासन का काम है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। इसी तरह मुंबई से आए प्रवेश, साहिल व सरीता ने बताया कि पानी और छांव की व्यवस्था के साथ-साथ हैरिटेज स्ट्रीट में सरकार की तरफ से गाइड भी उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। ताकि विरासती मार्ग के रास्ते में आने वाली स्मारकों को देखने के साथ-साथ उन्हें इतिहास के बारे भी जानकारी मिल सके।
कूड़े के ढेर बिगाड़ रहे हैं सुंदरता
वहीं दूसरी तरफ सेल्फी प्वाइंट बन चुके हैरिटेज स्ट्रीट में महाराजा रणजीत ¨सह के आकर्षक बुत वाले चौक के आस-पास बनी बाजारों के साथ लगती गलियों व सड़कों पर और दुकानों के बाहर लगे कचरे के ढेर हैरिटेज स्ट्रीट की सुंदरता बिगाड़ रहे हैं। वहीं दीवार के साथ खुले में बनाए वाशरूम भी सरकार के विकास के दावों की पोल खोलते हैं, जिनसे सैलानी बचकर निकलना ही पसंद करते हैं।