डेंटल कॉलेज स्थित डेंटल सर्जरी विग पंद्रह दिन के लिए बंद
कोरोना संक्रमित मरीजों को बचाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले चिकित्सक व सहयोगी स्टाफ दहशत में हैं।
नितिन धीमान, अमृतसर
कोरोना संक्रमित मरीजों को बचाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाले चिकित्सक व सहयोगी स्टाफ दहशत में हैं। कारण, जिले के प्रमुख अस्पतालों सिविल अस्पताल, गुरुनानक देव अस्पताल, टीबी अस्पताल व डेंटल कॉलेज में कोरोना वायरस बम बनकर बैठा है। इस वायरस ने चारों अस्पतालों में 60 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण ग्रस्त बना डाला। सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. अरुण शर्मा व टीबी अस्पताल के फार्मासिस्ट नवदीप भाटिया की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद चिता और बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंटल कॉलेज स्थित डेंटल सर्जरी विग पंद्रह दिन के लिए बंद कर दिया है, क्योकि यहां तीन डेंटल सर्जन कोरोना ग्रस्त पाए गए। टीबी अस्पताल में फार्मासिस्ट का रूम सील कर दिया गया, पर सिविल अस्पताल में ओपीडी सेवाएं पूर्व की भांति जारी हैं। सिविल अस्पताल में 17 स्वास्थ्य कर्मी पॉजिटिव रिपोर्ट हो चुके हैं, जबकि एसएमओ डॉ. अरुण शर्मा को यह वायरस निगल गया।
डॉ अरुण शर्मा की मौत के बाद सिविल अस्पताल के डाक्टर व सहयोगी स्टाफ में स्थानीय अधिकारियों से खासा खफा हैं। नियमानुसार अस्पताल में एक भी पॉजिटिव मरीज आने पर अस्पताल को सैनिटाइज्ड कर 48 घंटे के लिए बंद किया जाता है, पर सिविल अस्पताल में तो 17 स्टाफ सदस्य पॉजिटिव आ चुके हैं। इसके बावजूद सिविल सर्जन ने ओपीडी सेवाएं बंद नहीं कीं। साथ ही एसएमओ डॉ. अरुण शर्मा दो सप्ताह तक अस्पताल में दाखिल रहे, पर किसी अधिकारी ने उनका हाल-चाल नहीं जाना।
इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन ने सीएस को लिखा पत्र
सिविल अस्पताल में कार्यरत एप्थेलेमिक ऑफिसर व इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन राकेश शर्मा का कहना है कि कोरोना की वजह से अस्पताल में दहशत बरकरार है। जिला प्रशासन व स्वासथ्य विभाग की ओर से अस्पताल को सैनिटाइज्ड नहीं करवाया गया। है। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. नवदीप सिंह को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति दर्ज की है। एसोसिएशन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू बीते रविवार को डॉ. अरुण शर्मा के संस्कार में शामिल हुए और कहा कि सरकार उन्हें पीजीआई रेफर करने पर विचार कर रही थी। यदि यह काम पहले ही कर लिया जाता तो शायद आज डॉ. अरुण शर्मा हमारे बीच होते। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि सिविल अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं निरंतर जारी रखी जाएं, पर ओपीडी को बद किया जाए, क्योंकि यहां भी लोग शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं करते।