ओलिंपिक: वेलडन हरमनप्रीत, जीत की लय बनाए रखना
टोक्यो ओलिपिक 2020 में शनिवार की सुबह छह बजे न्यूजीलैंड के साथ भारतीय हाकी टीम पुरुष का पहला मैच हुआ।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: टोक्यो ओलिपिक 2020 में शनिवार की सुबह छह बजे न्यूजीलैंड के साथ भारतीय हाकी टीम पुरुष का पहला मैच हुआ। इसमें गुरुनगरी के रहने वाले भारतीय खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह दूसरे और तीसरे क्वार्टर में लगातार दो गोल करके जीत के हीरे बनकर उभरे हैं। उनकी इस उपलब्धि से परिवार के सदस्य बेहद खुश दिखे।
मैच से पहले हरमनप्रीत ने अपने परिवार के साथ फोन पर बात की। सबसे पहले भाई कोमलप्रीत सिंह के साथ बात करके हालचाल पूछा और उन्हें कहा कि वे मैच जरूर देखें। उसके बाद वह अपनी मां रजविदर कौर से बात करते हुए उनका आशीर्वाद लेते हैं। उनकी मां उन्हें शानदार प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती हैं। उनके पिता सर्बजीत सिंह भी उन्हें वाहेगुरु का नाम लेकर खेलने के लिए प्रेरित करते हैं। बस फिर परिवार के सदस्य सुबह छह बजे मैच टीवी पर देखने लग जाते हैं।
भारतीय टीम के उप कप्तान हरमनप्रीत के भाई कोमलप्रीत ने बताया कि पहले क्वार्टर के छठे मिनट में जैसे ही न्यूजीलैंड की टीम ने प्रहार करते हुए पहला गोल किया, तो फरीदकोट से भारतीय टीम के खिलाड़ी राजिदर पाल सिंह ने ठीक चार मिनट बाद पैनल्टी स्ट्रोक लगाते हुए एक गोल अपने खाते में दर्ज किया। बस फिर उनके भाई ने भी ठान ली कि वह भी गोल करेंगे और आखिर हरमनप्रीत ने दूसरे क्वार्टर और तीसरे क्वार्टर में कुल आठ मिनट में दो गोल दागते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाई और न्यूजीलैंड को हार का सामना करना पड़ा। कोमलप्रीत ने बताया कि मैच खत्म होने के बाद हरमनप्रीत ने परिवार को दोबारा फोन किया और सभी ने उसे बधाई देते हुए इसी तरह आगे के मैचों में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को जिताने के लिए प्रेरित किया। दूसरी तरफ टीम के अन्य खिलाड़ियों गुरजंट सिंह, शमेशर सिंह और दिलप्रीत सिंह ने भी अपने परिवार के साथ वीडियो काल करके गुरु महाराज के समक्ष अरदास की और मैच देखने के लिए उत्साहित किया। 2016 में सिर्फ एक ही गोल कर पाए थे हरमन
टोक्यो ओलिपिक 2020 में शनिवार की सुबह छह बजे न्यूजीलैंड के साथ इंडिया के पहले मैच में भारतीय खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह दूसरे और तीसरे क्वार्टर में लगातार दो गोल करके हीरो बनकर उभरे हैं। वहीं साल 2016 के ओलिपिक मुकाबलों में सिर्फ एक ही गोल करने में सफल हो पाए थे। पिछली गलतियों को सुधारते हुए वर्तमान समय में किसी भी गलती को ना दोहराते हुए हरमनप्रीत सिंह शानदार प्रदर्शन करने के मकसद से खेल रहे हैं।
ओलिपिक में टीम ने आगाज किया बढि़या: कोच बलविंदर सिंह
महाराजा रणजीत सिंह हाकी अकादमी के पूर्व और बाबा उत्तम सिंह नेशनल हाकी अकादमी खड़ूर साहिब के कोच बलविदर सिंह ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को पहले मैच में जीत दर्ज करने की बधाई दी। उनका कहना है कि भारतीय टीम के लिए पहला मैच जीतना बेहद जरूरी था, क्योंकि अंग्रेजी की कहावत है कि फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन। पुरुषों की भारतीय टीम का अब अगले मैचों के लिए मनोबल बढ़ा है, क्योंकि उन्होंने न्यूजीलैंड की टीम को 3-2 के अंतर से हराकर अपना शानदार आगाज किया है। मैच में जीत दर्ज करना टीमवर्क है, जिसमें भारतीय हाकी टीम ने टीम की परिभाषा समझते हुए ओलिपिक में अपना आगाज बढि़या किया है। 2008 से शुरू किया था हाकी खेलने का सफर
साल 2008 में हरमनप्रीत सिंह ने जंडियाला गुरु के निजी स्कूल से हाकी खेलने का सफर शुरू किया था, जिसने उन्हें लगातार मेहनत और लगन के साथ आज दूसरी बार ओलिपिक में पहुंचाया है। डिस्ट्रिक्ट के बाद स्टेट और नेशनल के साथ साथ जूनियर वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भारतीय सीनियर टीम में शामिल होने का मौका मिला था। बस उसके बाद आज तक वह मलेशिया, हालैंड, जर्मनी, आस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड के बाद ग्रेट ब्रिटेन और ब्राजील साहित विश्व के विभिन्न देशों की टीमों को धूल चटा चुके हैं। बता दें कि ग्रामीण स्तर से एक मध्यवर्गीय परिवार में पैदा हुए हरमनप्रीत सिंह अपने घर में पहले सदस्य हैं, जो खेल के मैदान में उतरे हैं। खेलों के साथ उनके परिवारिक सदस्यों का दूर-दूर से भी नाता नहीं है और खास बात यह है कि उनके गांव में कोई खेल का मैदान भी नहीं है। स्कूल में हाकी के मैच देख कर शुरू किए सफर ने आज उन्हें एक ओलंपियन बना दिया है, जोकि उनके जज्बे और जुनून का ही परिणाम है।