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सर्जन ने मरीज से कहा- दिखता नहीं फोन पर पर्सनल बात कर रहा हूं, निकलो बाहर

जागरण संवाददाता, अमृतसर सिविल अस्पताल में सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर ने मरीज के साथ बदसलूक

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 07:57 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 07:57 PM (IST)
सर्जन ने मरीज से कहा- दिखता नहीं फोन पर 
पर्सनल बात कर रहा हूं, निकलो बाहर
सर्जन ने मरीज से कहा- दिखता नहीं फोन पर पर्सनल बात कर रहा हूं, निकलो बाहर

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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सिविल अस्पताल में सर्जरी विभाग के एक डॉक्टर ने मरीज के साथ बदसलूकी की। दर्द से तड़पता हुआ मरीज जैसे ही डॉक्टर की ओपीडी में पहुंचा और उससे जांच करने को कहा तो डॉक्टर भड़क गया। डॉक्टर ने मरीज से कहा कि दिखता नहीं मैं फोन पर पर्सनल बात कर रहा हूं, बाहर निकलो। डॉक्टर के दिल चीर देने वाले ये अल्फाज सुनकर मरीज का दर्द और बढ़ गया।

सोमनाथ निवासी जौड़ा फाटक ने बताया कि वह सोमवार को सुबह सिविल अस्पताल पहुंचा था। उसके पेट में तेज दर्द था। यह दर्द पेट से होते हुए कमर तक पहुंच रहा था। मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। खैर किसी तरह मैं अपने रिश्तेदारों की मदद से सर्जरी विभाग की ओपीडी के कमरा नंबर 23 तक पहुंचा। यहां मरीजों की लंबी लाइन लगी थी। मेरी हालत खराब थी, इसलिए मैं अंदर चला गया। हालांकि डॉक्टर कुर्सी से उठकर दूसरे कमरे में जा चुका था। मैं उसके पीछे-पीछे दूसरे कमरे में पहुंचा। उस समय डॉक्टर फोन पर बात कर रहा था। मैंने उनसे विनम्रतापूर्वक कहा कि एक बार मुझे देख लो, पर कान में मोबाइल चिपकाए डॉक्टर ने मुझ पर लगभग चीखते हुए कहा कि दिखता नहीं मैं फोन पर पर्सनल बात कर रहा है, यहां से बाहर निकलो।

सोमनाथ के अनुसार, डॉक्टर ने इलाज करने से पहले मुझे जलील किया। सोमनाथ के साथ आए उसके रिश्तेदार अमित ने बताया कि इसके बाद हम इधर-उधर भटकते रहे। काफी देर बाद जब ओपीडी से भीड़ कम हुई तो फिर से कमरा नंबर 23 में पहुंचे। इस दौरान डॉक्टर को बताया कि सोमनाथ की हालत बिगड़ती जा रही है। इस पर डॉक्टर ने कहा कि अगर हालत बिगड़ रही है तो ओपीडी में क्यों लाए हो, इन्हें इमरजेंसी वार्ड में ले जाओ। मैंने डॉक्टर से कहा कि इमरजेंसी वार्ड के स्टाफ ने कहा कि पहले डॉक्टर से स्लिप पर एडमीशन शब्द लिखवाकर लाओ। ऐसे में डॉक्टर ने पहले टेस्ट करवाने को कहा। टेस्ट करवाने के लिए भी हमें खासी मशक्कत करनी पड़ी। सिविल अस्पताल की लेबोरेट्री के स्टाफ ने कहा कि हम 11 बजे के बाद नए मरीजों का टेस्ट नहीं करते। हालांकि सिविल अस्पताल में एक परिचित मिल गया, जिसकी मदद से हमने टेस्ट करवाए।

सोमनाथ ने कहा कि मैंने टेस्ट करवा लिए हैं। रिपोर्ट लेकर इस अस्पताल से जा रहा हूं। यहां उपचार नहीं हो सकता और डॉक्टर का ऐसा व्यवहार देखकर मैं करवाना भी नहीं चाहता। नई-नई नौकरी में नखरे न्यारे

स्वास्थ्य विभाग ने सिविल अस्पताल में हाल ही में डॉक्टरों की तैनाती की है। इनमें तीन सर्जरी विभाग के नए डॉक्टर भी ज्वाइन हुए हैं। इन्हीं डॉक्टरों में से एक ने आज मरीज के साथ बुरा सलूक किया है। नई-नई नौकरी मिली है, ऐसे में डॉक्टर के नखरे भी न्यारे हैं। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर व डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डॉ. रा¨जदर अरोड़ा ने कहा कि वह मामले की जांच कर रहे हैं।


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