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पीजीआइ जैसी सुविधाएं दे सरकार, फिर मेडिकल कॉलेजों को करे स्वायत्त

। पंजाब सरकार की ओर से सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर एवं पटियाला को पीजीआइ चंडीगढ़ की तरह स्वायत्त बनाने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 12:16 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 12:16 AM (IST)
पीजीआइ जैसी सुविधाएं दे सरकार,  फिर मेडिकल कॉलेजों को करे स्वायत्त
पीजीआइ जैसी सुविधाएं दे सरकार, फिर मेडिकल कॉलेजों को करे स्वायत्त

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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पंजाब सरकार की ओर से सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर एवं पटियाला को पीजीआइ चंडीगढ़ की तरह स्वायत्त बनाने की तैयारी कर ली है। सरकार इन दोनों कॉलेजों में डायरेक्टर की नियुक्ति करने जा रही है। हालांकि सरकार ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि पीजीआइ चंडीगढ़ को प्रतिवर्ष करोड़ों की ग्रांट जारी की जाती है, क्या इन दोनों कॉलेजों को भी मिलेगी?

यह बात बुधवार को गुरु नानक देव अस्पताल में कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल के दौरान पंजाब डेंटल टीचर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. मृदुला ग्रोवर ने कही। दरअसल, कर्मचारियों ने एक घंटा तक हड़ताल कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया।

डॉ. मृदुला ने कहा कि सरकार यह बता नहीं रही कि दोनों मेडिकल कॉलेजों को कितनी ग्रांट दी जाएगी। सरकार को अपनी सारी पॉलिसी वेबसाइट पर अपलोड करनी चाहिए। इसके बाद दोनों कॉलेजों के प्रोफेसरों से सुझाव भी मांगने चाहिए। सरकार पीजीआइ की तर्ज पर इन दोनों कॉलेजों का कामकाज चलाना चाहती है, मगर यहां तो स्टाफ की भारी कमी है। दर्जा तीन, चार कर्मचारियों के साथ-साथ पैरा मेडिकल स्टाफ और टेक्निशियन भी पूरे नहीं। डॉक्टर भी कम हैं। पीजीआइ में डॉक्टर को तीन लाख रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है, लेकिन मेडिकल कॉलेजों में यह दो लाख है। उसमें से भी भारी भरकम टैक्स कट जाता है।

यहीं बस नहीं अमृतसर स्थित गुरु नानक देव अस्पताल के पास सिर्फ यूजर चार्जेज हैं, जिनसे ऑक्सीजन खरीदी जाती है और बिजली का बिल ही भरा जा सकता है। स्वायत्त होने पर मेडिकल कॉलेजों को खुद ही अपना खर्च निकालना होगा, यह कैसे संभव होगा? वैसे भी मेडिकल कॉलेजों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर आने को तैयार नहीं। कई डॉक्टर वीआरएस ले रहे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन पर्याप्त स्टाफ नहीं। जब तक सरकार मेडिकल कॉलेजों में पीजीआइ जैसा काम करने का माहौल तैयार नहीं करती तब तक इन्हें स्वायत्त करने की बात बेमानी है। हम इसका विरोध करते हैं।

इस अवसर पर डॉ. अशोक चानना, नर्सिंग एसोसिएशन से नरिदर बुट्टर, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन से जगदीश ठाकुर, राजकुमार शर्मा, तेजिदर सिंह ढिल्लो, नरिदर सिंह, प्रेम चंद, जसपाल सिंह, निर्मल भुल्लर, मुल्खराज, सुखविदर सिंह, जतिदर शर्मा, नरिदर सिंह, बलविदर सिंह, वीना कुमारी आदि उपस्थित थे।


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