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सरकारी अवकाश, सरकारी अस्पतालों में मरीज हुए हताश

अमृतसर पंजाब में जिला परिषद व ब्लॉक समिति के चुनाव का प्रत्यक्ष प्रभाव सरकारी अस्पतालों में दिखा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 07:47 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 07:47 PM (IST)
सरकारी अवकाश, सरकारी अस्पतालों में मरीज हुए हताश
सरकारी अवकाश, सरकारी अस्पतालों में मरीज हुए हताश

जागरण संवाददाता, अमृतसर

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पंजाब में जिला परिषद व ब्लॉक समिति के चुनाव का प्रत्यक्ष प्रभाव सरकारी अस्पतालों में दिखा। जिले के गुरुनानक देव अस्पताल, सिविल अस्पताल व टीबी अस्पताल में मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सरकार ने चुनाव को मद्देनजर सरकारी अवकाश की घोषणा की थी, पर यह घोषणा जन—जन तक नहीं पहुंची। इसका प्रतिफल यह निकला कि सरकारी अस्पतालों में मरीज तो पहुंचे, पर उन्हें डॉक्टर नहीं मिले।

अमृतसर के सरकारी टीबी अस्पताल में सुबह सवेरे पहुंचे मरीज ओपीडी बंद देखकर परेशान हो गए। दुखद पहलू यह कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात पीजी डॉक्टर्स ने मरीजों को दवा देने से भी इंकार कर दिया। पीजी डॉक्टर्स का कहना था कि वह सिर्फ वार्ड में एडमिट मरीजों का इलाज कर रहे हैं और दवाएं भी उन्हें ही दी जाएंगी।

दरअसल, इस सरकारी अवकाश की घोषणा बीते मंगलवार को यानी चुनाव से एक दिन पहले की गई थी। यही वजह रही कि लोगों को इसके बारे में पता नहीं चल पाया। रोज की तरह मरीज सरकारी अस्पतालों में दवा लेने तथा चेकअप करवाने पहुंचे, लेकिन ओपीडी बंद दिखी।

छेहरटा से टीबी अस्पताल में आए सुरेश कुमार ने बताया कि वह टीबी का मरीज है। आज दवा लेने के लिए टीबी अस्पताल आया, पर ओपीडी बंद थी। इमरजेंसी स्टाफ तो तैनात था, पर वह दवा देने में आनाकानी करता रहा। जानकारी के लिए बता दें कि टीबी मरीजों को एक दिन भी दवा खाना नहीं छोड़ सकते। यदि किसी कारणवश ऐसा होता है तो इससे उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। टीबी अस्पताल में सौ से अधिक मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। सूरतेहाल गुरुनानक देव अस्पताल व सिविल अस्पताल में भी ऐसे ही थी। बहरहाल, लोगों में इस बात का आक्रोश था कि सरकारी अस्पतालों को सरकारी छुट्टी के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए। वैसे भी सरकार जब सरकारी अवकाश घोषित करती है तो सरकारी डॉक्टर ओपीडी बंद कर देते हैं। नियमानुसार इस प्रकार के अवकाश सरकारी डॉक्टरों के लिए नहीं होते।

कोट..

हमें बाबा फरीद मेडिकल साइंसेज यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राजबहादुर की ओर से छुट्टी की लिखित सूचना मिली थी। हालांकि हमने इमरजेंसी सेवाएं पहले की तरह जारी रखीं। टीबी मरीजों को दवा की कमी न महसूस हो, इसके लिए उनके घरों के आसपास स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।

— डॉ. नवीन पांधी

डिप्टी मेडिकल सुप¨रटेंडेंट


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