चंडीगढ़ के Beauty parlor में काम करते-करते युवती बन गई Drug addict, अब जंजीरों के साये मेें दवा
चंडीगढ़ में एक ब्यूटीपार्लर में काम करने के दौरान 24 वर्षीय ब्यूटीशियन युवती कब नशे की आदी हो गई उसे पता ही नहीं चला। मां ने अब उसे जंजीरों से जकड़ दिया है।
जेएनएन, अमृतसर। चंडीगढ़ में एक ब्यूटीपार्लर में काम करने के दौरान 24 वर्षीय ब्यूटीशियन युवती कब नशे की आदी हो गई उसे पता ही नहीं चला। उसकी सारी कमाई नशे की पूर्ति में खर्च होने लगी। पिता का साया सिर पर नहीं था, मां ने उसे बड़ी मुश्किल से संभाला। वह नशा करने के लिए घर से भाग जाती थी, इसलिए मां ने उसे जंजीर में जकड़ लिया। यह मामला जिला प्रशासन के ध्यान में आया तो युवती की तीमारदारी शुरू हुई।
युवती का सरकारी इलाज उसके घर में ही शुरू हो गया है। वीरवार को सरकारी मेडिकल कॉलेज के साइकोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम रंजीत एवेन्यू स्थित युवती के घर पहुंची। डॉक्टरों ने युवती की मां से कहा कि इसकी जंजीर खोल दे, पर मां ने यह कहकर इन्कार कर दिया कि अभी इसे इलाज की जरूरत है। यदि इसकी चेन खोल दी तो भाग सकती है। मैं इसकी मां हूं। मैं जानती हूं कि अपने कलेजे पर पत्थर रखकर इसे जंजीर में जकड़ा है। यह ठीक हो जाएगी तो मैं इसे खुद ही मुक्त कर दूंगी।
डॉक्टरों ने युवती का एग्जामिनेशन किया। यह जानने की कोशिश की कि उसे हेरोइन की तोड़ तो नहीं लग रही। डॉक्टरों ने से बुप्रेनॉरफिन दवा दी। साइकोलॉजी विभाग के काउंसलर ने युवती व उसकी मां की काउंसलिंग की। युवती को समझाया गया कि नशे के आगे सुनहरी जिंदगी है, इसे यूं ही बर्बाद नहीं करे।
एक माह पूर्व भी युवती केंद्र में इलाज के लिए आई थी
स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति केंद्र में इस युवती का इलाज पूर्व में भी हुआ है। एक माह पूर्व भी युवती केंद्र में आई थी। नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ. पीडी गर्ग बताते हैं कि मैंने इसे बहुत मॉटीवेड किया कि नशा छोड़ दो। युवती चाहती थी कि नशा छोड़ दूं, पर छोड़ नहीं पा रही थी। उसने हमने मदद मांगी। हमने भी पूरा सहयोग किया। उसे वार्ड में दाखिल कर लिया। वह स्टेबल भी हो गई, पर दो दिन बाद ही वह यहां से चली गई। अब हमने इसे फिर से विश्वास में लिया है। इसका ट्रीटमेंट घर में किया जा रहा है।
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