ज्ञानी इकबाल सिंह बोले- मुझे इन नेताओं से है जान को खतरा, पंजाब व बिहार के CM से मांगी सुरक्षा
पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने अपनी जान को लेकर खतरा बताया है। उन्होंने नीतीश कुमार व कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।
अमृतसर [पंकज शर्मा]। विवादों में घिरे तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने कहा कि उनको पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, तख्त श्री पटना साहिब प्रबंधकीय बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष अवतार सिंह हित और बोर्ड के सदस्य कमिक्कर से जान का खतरा है। इसलिए उन्हें अब सुरक्षा की जरूरत है। इसे लेकर ज्ञानी इकबाल सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पत्र भेजे हैं। ज्ञानी इकबाल सिंह ने एक वेब चैनल के जरिए भी यह बात कही है।
ज्ञानी इकबाल सिंह ने कहा कि उक्त पंथक नेता उनके पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। उनके खिलाफ झूठी शिकायतें की जा रही हैं। ये पुरानी शिकायतें हैं जिनके संबंध में वह समय-समय पर श्री अकाल तख्त साहिब और संगत के समक्ष अपना पक्ष रख चुके हैं। एक साजिश के तहत ही नौ मार्च को श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए अकाली दल (बादल) समर्थकों ने एक बैठक बुलाई है।
ज्ञानी इकबाल सिंह ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सितंबर 2015 में दी गई माफी का सच उन्होंने संगत के सामने रखा है, इसलिए उनके खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह अगर श्री अकाल तख्त साहिब का मान-सम्मान बहाल रखना चाहते हैं तो हिम्मत दिखाते हुए नौ मार्च को डेरा मुखी की माफी के मामले में सुखबीर बादल, श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब करके उनका स्पष्टीकरण लें। अगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह इसके लिए तैयार हों तो वह खुद डेरामुखी को माफी देने वाले पत्र की सारी सच्चाई संगत के सामने रखेंगे। इसके संबंध में वह देश-विदेश की मीडिया को बुलाकर सब कुछ लाइव बताएंगे।
ज्ञानी इकबाल सिंह कहा कि जब उन्होंने अपना त्यागपत्र न तो श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को भेजा और न ही पटना साहिब बोर्ड के अध्यक्ष को भेजा है तो फिर ये दोनों उनके खिलाफ कार्रवाई कैसे कर सकते हैं। बिहार व पंजाब के मुख्यमंत्री उनके व उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करें। उनके खिलाफ साजिशों के कारण वह अब पटना साहिब में एक कमरे में कैद होकर रह गए हैं।