असी दवाइयां वेचदे हा, नशा नहीं. सानू बदनाम न करो
। डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन की जनरल बॉडी बैठक प्रधान विशाल देवराज की अध्यक्षता में आर्ट गैलरी में हुई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एसोसिएशन की जनरल बॉडी बैठक प्रधान विशाल देवराज की अध्यक्षता में आर्ट गैलरी में हुई। बैठक में केमिस्टों ने पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों से एकसुर में उन्हें पुलिस हरासमेंट से निजात दिलवाने की मांग की।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 'असी दवाइयां वेचदे हां, नशा नहीं. सानू बदनाम न करो।' बैठक में पहुंचे विधायक सुनील दत्ती, कांग्रेस शहरी की प्रधान जतिदर सोनिया, पार्षद विकास सोनी, सतीश बल्लू, सुनील कौंटी ने उन्हें विश्वास दिलवाया कि पंजाब सरकार प्रदेश के 40 हजार केमिस्टों के साथ है और उनके हितों पर आंच नहीं आने दी जाएगी। राजकुमार शर्मा को होलसेल कैमिस्ट एसोसिएशन का प्रधान व मनमोहन सिंह को महासचिव व शिवपाल सिंह सलूजा को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि रणजीत संधू को डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन का उपाध्यक्ष बनाया गया।
विधायक सुनील दत्ती ने फार्मासिस्ट की दुकानों पर बायोमीट्रिक हाजिरी के उठाए गए मामले में कहा कि ब्यूरोक्रेसी जानबूझकर सरकार का अक्स खराब कर रही है। पंजाब सरकार व्यापारियों की हितैषी है और केमिस्टों के हितों से किसी भी अधिकारी को खेलने नहीं दिया जाएगा। सरकार केमिस्टों की साथ खड़ी है और उनकी हर समस्या के समाधान के लिए सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाई जाएगी। जिला कांग्रेस कमेटी की प्रधान जतिदर सोनिया, पार्षद विकास सोनी, सतीश बब्लू, सुनील कौंटी, प्रदीप शर्मा ने कैमिस्ट कारोबारियों विश्वास दिलवाया कि पंजाब सरकार तक न सिर्फ उनकी मांगों को पहुंचाया जाएगा, जबकि उनकी मांगों को सरकार से हल करवाने में भी कोई कसर नहीं रखी जाएगी। विकास सोनी व सुनील कौंटी ने केमिस्टों द्वारा सड़क, सीवरेज व सफाई के उठाए गए मामलों का भी हल जल्द करवाने का भरोसा दिया। मेन सड़क व मार्कीट के अंदर की गलियों के लगे टेंडर की भी उन्होंने उन्हें जानकारी दी। हम लाइफ सेविग ड्रग बेचते हैं, ड्रग नहीं
बैठक में चेयरमैन अवतार सिंह, को-चेयरमैन टीएस बावा, महासचिव दीपक सहगल, राजकुमार राजू, मनमोहन सिंह ने कहा कि पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट के तहत केमिस्ट भाइयों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। बिना वजह की रेड से कारोबारी परेशान है और केमिस्ट कारोबार बदनाम हो रहा है। हम लोग लाइफ सेविग ड्रग बचते हैं, न की नशे में उपयोग होने वाला ड्रग। लेकिन सरकार की नीतियों ने पूरे कारोबार को बदनाम करके रख दिया है और कारोबारियों पर नशा बेचने की मोहर तक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि केमिस्टों के हितों की रक्षा के एसोसिएशन हमेशा प्रयासरत रही है और आगे भी रहेगी। नौ तहसीलों से पहुंचे एसोसिएशन के प्रतिनिधि
जनरल बॉडी बैठक में बड़ी संख्या में होलसेल व रिटेल के कारोबारियों के अलावा नौ तहसीलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें विशेषरूप से सरबजीत सिंह, संजीव पुरी, अमरदीप सिंह, नरिदर वधवा, विवेक धवन, सुरिदर शर्मा, रिविंदर सिंह, आरबी, रितेश शर्मा, अमन कुमार पिका, सुनील गुप्ता, सुनील सेठी, गौरव भाटिया, गौरव देवराज, अरुण सूरी, विजय मेहता, शंकर राजा, अनुकरण देवराज, दिनेश महाजन, रणजीत संधू, परमिदर सिंह, अश्वनी पुरी, मनू पंडित, भाग्य सहगल आदि हाजिर थे। केमिस्टों की मुख्य मांगें
—दवाइयों की दुकानों पर पुलिस की दखलअंदाजी ड्रग विभाग के बिना नहीं होनी चाहिए।
—अगर किसी दवाइयों की दुकान या फार्म में दो भाइवालों पांच साल से ज्यादा काम करने के बाद किसी विवाद के चलते अलग होना चाहते हैं तो दोनों को नए ड्रग लाइसेंस दिए जाएं।
—ऑनलाइन दवाइयों की सेल बंद हो।
—जिन्होंने एम फार्मेसी, बी फार्मेसी या डी फार्मेसी की हो, उन्हें अपना दवाइयों का काम करने की इजाजत होनी चाहिए।
—अगर कोई दवाइयों का व्यापारी एक जिले से दूसरे जिले में काम करना चाहता है तो उसे इसकी इजाजत होनी चाहिए।
—किराये की दुकान में दवाइयों का कारोबार करने वाले व्यक्ति की मौत होने पर उसके वारिस दवाइयों का काम अगर करना चाहते हैं तो उनके नाम पर ड्रग लाइसेंस की मंजूरी होनी चाहिए।
—अगर कोई दुकान का मालिक साठ साल की उम्र से बाद काम ना करना चाहे तो उसको अपना कारोबार बेचने का अधिकार होना चाहिए।
—बायोमीट्रिक हाजिरी दवाइयों की दुकानों पर नहीं होनी चाहिए।