पूर्व एसएमओ ने एक नहीं दो रखे थे कर्मी, आइडी व पासवर्ड भी उपलब्ध करवाए
सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट की पर्ची काटकर कंप्यूटर से एंट्री डिलीट करने के मामले में सनी के अलावा एक और महिला भी शामिल पाई गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: सिविल अस्पताल में डोप टेस्ट की पर्ची काटकर कंप्यूटर से एंट्री डिलीट करने के मामले में सनी के अलावा एक और महिला भी शामिल पाई गई है। इन दोनों को पूर्व एसएमओ ने सिविल अस्पताल में तैनात किया था। दोनों ही अस्पताल के कर्मचारी नहीं थे। बताया जा रहा है कि इन्हें वेतन भी पूर्व एसएमओ ही देता था।
दरअसल, सनी सिविल अस्पताल में फार्मेसी की ट्रेनिग लेने आया था। ट्रेनिग समाप्त होने के बाद वह यहां से गया नहीं। पूर्व एसएमओ ने उसे पर्ची काउंटर पर स्टाफ के साथ बैठा दिया था। पूर्व एसएमओ ने स्टाफ को लिखित आदेश दिया कि सनी को डोप टेस्ट की पर्ची का जिम्मा दिया जाए। उसे आइडी व पासवर्ड मुहैया करवाए जाएं। स्टाफ ने ऐसा किया। सनी किसी भी कंप्यूटर पर बैठ कर डोप टेस्ट की पर्ची काटता रहा। इसकी एवज में आवेदक से 1500 रुपये की सरकारी फीस लेकर अपनी जेब में डाल लेता था। कंप्यूटर से एंट्री डिलीट करता ताकि यह मेन सर्वर में न जाए। सनी के साथ ही एक महिला कर्मचारी को भी एसएमओ ने अस्पताल में विभिन्न कामों पर लगाया था। दोनों का कहीं कोई रिकार्ड दर्ज नहीं है, न ही इनकी हाजिरी लगती थी। दैनिक जागरण लगातार प्रकाशित कर रहा मामले को
दैनिक जागरण की ओर से लगातार इस मामले पर खबर प्रकाशित करते हुए इस घपले को लोगों के सामने लाया जा रहा है। अभी इसमें कई और जानकारियां उजागर होंगी, क्योंकि अस्पताल इसकी जांच बारीकी से कर रहा है। इससे पहले फर्जी डोप टेस्ट की रिपोर्ट देने संबंधी भी खबरें प्रकाशित की जाती रही हैं। ऐसे में उस सबके तार इससे जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है। आठ-आठ हजार रुपये वेतन अपनी जेब से देता था पूर्व एसएमओ
जानकारी मिली है कि पूर्व एसएमओ इन्हें अपनी तरफ से आठ-आठ हजार रुपये वेतन देता था। अब वह ऐसा क्यों करता था, यह जांच का विषय है। माना जा रहा है कि ये कर्मचारी पर्ची काटने के बाद पैसा अपनी जेब में डालते थे। निश्चित ही पूर्व एसएमओ को भी देते होंगे। इन दोनों पर व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार करने के आरोप हैं। यह है मामला
नौ नवंबर को कर्मी सनी को पकड़ा गया था। उसने डोप टेस्ट करवाने एक व्यक्ति से 1500 रुपये लिए। कंप्यूटर पर एंट्री दर्ज कर रसीद काटी और फिर इस एंट्री को डिलीट कर दिया था। इसके बाद पूर्व एसएमओ से साइन करवाकर डोप टेस्ट के लिए आवेदक को लैब में भेज दिया था। सनी ने पर्ची पर छह नंबर कंप्यूटर दर्ज किया था। बस यहीं से वह पकड़ा गया। छह नंबर कंप्यूटर खराब था। सनी व महिला को नौकरी से निकाला
सनी व महिला को नौकरी से निकाल दिया गया है। अस्पताल के वर्तमान एसएमओ डा. राजू चौहान का कहना है कि हमने सनी व महिला को दो बार नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, पर उन्होंने जवाब दिया नहीं। अब अंतिम बार तीसरा नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद हम अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे।