¨फगर प्रिटंस से जुर्म को पकड़ने में मिलती है मदद: सोढी
अमृतसर डीएवी कॉलेज में आयोजित पांच दिवसीय इंस्पायर कैंप के दूसरे व तीसरे दिन क्लो¨नग की जानकारी मुहैया करवाई गई। क्लोन बफैलो, गोट व शीप संबंधी विद्यार्थियों को जानकारी देने के लिए पहले सत्र में डा. एमएस चौहान, डायरेक्टर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च ऑन गोट्स, मथुरा उतर प्रदेश से पहुंचे।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
डीएवी कॉलेज में आयोजित पांच दिवसीय इंस्पायर कैंप के दूसरे व तीसरे दिन क्लो¨नग की जानकारी मुहैया करवाई गई। क्लोन बफैलो, गोट व शीप संबंधी विद्यार्थियों को जानकारी देने के लिए पहले सत्र में डा. एमएस चौहान, डायरेक्टर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च ऑन गोट्स, मथुरा उतर प्रदेश से पहुंचे। जबकि दूसरे सत्र में डा. नीरज खरे कोआर्डिनेटर नैनोस्केल रिसर्च फेसिलिटी, डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स, आईआइटी दिल्ली ने चर्चा करते हुए कंडक्टर्स, साइंटिफिक ऐटिटूड संबंधी विचार सांझा किए। तीसरे सत्र में डा. राजीव पटनायक, डिपार्टमेंट ऑफ जियोलॉजी, पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने फॉसिल्स विषय पर चर्चा की।
छात्रों ने किए प्रयोग
चौथे सत्र में डा. राजेश कुमार ने बायोडायवर्सिटी और उसके संरक्षण पर प्रकाश डाला और कहा कि यह बहुत ही जरूरी है कि ऊंचे स्तर की जैव विविधिता को बनाए रखने के लिए हम अपने प्राकृतिक परिवेश की अवस्था सही तरीके से बनाकर रखें, जिससे इस विषय को समझने में मदद मिल सके। तीसरे दिन पहले सत्र में डा. जीएस सोढी केमिस्ट्री विभाग एसजीटीबी खालसा कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली, ने ¨फगर ¨प्रटस की भूमिका क्राइम सीन्स मैनजेमेंट पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा की छाप के माध्यम से जुर्म को पकड़ने में काफी सहायता मिलती है। दूसरे सत्र में डा. एसएस कंवर, सीएसके हिमाचल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी ने माइक्रोब्स के विभिन्न प्रकारों से अवगत करवाया। कैंप में कालेज प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. रु¨पदर कौर, असिस्टेंट प्रोग्राम कोआर्डिनेटर डॉ. राजेश कुमार, डा. डेजी शर्मा, प्रोफेसर आरके झा, डा. रजनी खन्ना, डा. अनीता महाजन, प्रो. समीर कालिया, डा. विकास गुप्ता आदि मौजूद थे।