गुरुनगरी के रियल हीरोज को पर्दे पर देखेगी दुनिया, दिग्गज डायरेक्टर व प्रोड्यूसर बनाएंगे फिल्में
डॉ. मनमोहन सिंह, जनरल मानेकशॉ व सआदत हसन मंटो के जीवन पर बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर व प्रोड्यूसर फिल्में बनाएंगे।
अमृतसर [नितिन धीमान]। डॉ. मनमोहन सिंह, जनरल मानेकशॉ व सआदत हसन मंटो। इन तीन शख्सियतों की जड़ें मूलत: अमृतसर से जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री, फील्ड मार्शल व लेखक के रूप में इन तीन महानुभावों ने सच्चे हृदय से देश की सेवा की है। नि:संदेह, इनका जीवन समाज के लिए प्रेरणाप्रद है। अब मुंबई फिल्म इंडस्ट्री ने इनके जीवन चरित्र पर फिल्म बनाने की प्लानिंग कर ली है। यानी अब गुरु नगरी से जुड़ी इन ग्रेट पर्सनेलिटी की जिंदगी के उतार-चढ़ाव व समर्पण भाव का उल्लेख बिग स्क्रीन पर होगा।
एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर में दिखेगा मनमोहन का व्यक्तित्व
डॉ. मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में ही उनके मीडिया एडवाइजर संजय बारू ने उन पर पुस्तक 'एक्सीडेंटल पीएम' लिखी। इसी पुस्तक के आधार पर 'द मनमोहन—एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिल्म प्लान की गई है। अनुपम खैर डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म को विजय रत्नाकर गुट्टे डायरेक्ट करेंगे। नेशनल अवार्ड विनर हंसल मेहता ने इस फिल्म का स्क्रीन प्ले लिखा है। फिल्म इसी वर्ष 21 दिसंबर को रिलीज होगी।
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 29 सितंबर 1932 में पाकिस्तान स्थित वेस्ट पंजाब के 'गा' में हुआ था। देश विभाजन के बाद वे अमृतसर आए। उनकी शिक्षा दीक्षा हिंदू कॉलेज अमृतसर में हुई। कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री करने के पश्चात वे दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनामिक्स में प्राध्यापक बने। फिर भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त हुए। बाद के वर्षों में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार, योजना आयोग का उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर, वित्तमंत्री व देश के प्रधानमंत्री पद तक का सफर तय किया।
मार्शल मानेकशॉ की शौर्य गाथा दिलों में भरेगी जज्बा
बॉलीवुड अभिनेत्री मेघना गुलजार ने फील्ड मार्शल मानेकशॉ पर फिल्म प्लान की है। उनकी शौर्य गाथा इस फिल्म में दर्शकों को दिखेगी। फिलहाल फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी जा रही है। फील्ड मार्शल मानेकशॉ की शिक्षा भी हिंदू कॉलेज अमृतसर में हुई। उनका पूरा नाम सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ है।
3 अप्रैल 1914 को अमृतसर में पारसी परिवार में जन्मे मानेकशॉ ने हिंदू कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में एडमिशन लिया। वे देहरादून के इंडियन मिलिट्री एकेडमी के पहले बैच के लिए चुने गए छात्रों में से एक थे। वहां से वे कमीशन प्राप्ति के बाद भारतीय सेना में भर्ती हुए। 1969 को उन्हें सेनाध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने 1965 और 1971 के युद्ध में भारत की कमान संभाली थी। 1973 में भारत सरकार ने उन्हें फील्ड मार्शल का सम्मान प्रदान किया गया।
समाज को प्रेरणा देगी मंटो की जीवनगाथा
उर्दू के प्रसिद्ध लेखक सआदत हसन मंटो पर प्रोड्यूसर डायरेक्टर नंदिता दास फिल्म बना रही हैं। फिल्म का नाम 'मंटो' है और इसमें नवाजुद्दीन सिदीकी लीड रोल में हैं। मंटो की कथा कहानियां आज भी जनमानस को समाज के लिए प्रेरणाप्रद हैं। लघु कथा बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और चर्चित टोबा, टेक सिंह के लिए प्रसिद्ध मंटो के जीवन पर फिल्म का निर्माण होगा।
अपने जीवनकाल में उन्होंने 22 लघु कथा संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह प्रकाशित किए। मंटो का जन्म लुधियाना के समराला मे 11 मई 1912 को हुआ। जन्म के कुछ वर्ष बाद उनके अभिभावक अमृतसर आ गए। कूचा वकीला जैमल सिंह में रहने वाले मंटो की शिक्षा भी हिंदू कॉलेज में हुई। 1947 के बाद वे पाकिस्तान चले गए और 1955 में उनका देहावासन हो गया।
अमृतसर ने देश दुनिया को दिए नायब हीरे : जौहर
शोधकर्ता नरेश जौहर का कहना है कि अमृतसर की माटी में गायक, अभिनेता, क्रिकेटर व कई राजनीतिज्ञ पैदा हुए हैं। सभी ने गुरु नगरी का नाम देश दुनिया में रोशन किया। डॉ. मनमोहन सिंह, जनरल मानेकशॉ व सआदत हसन मंटो की जीवनी चलचित्र के माध्यम से पूरी दुनिया तक पहुंचेगी। यह रिकॉर्ड है कि अमृतसर की तीन शख्सियतों की फिल्में एक ही समय में प्लान हुईं। एक पारसी है, दूसरा सिख है और तीसरा मुसलमान। हमारे खून में धर्मनिरपेक्षता है। अमृतसर में जो आता है, वह धर्म जाति से ऊपर उठकर यहीं का होकर रह जाता है। इनके जीवन से समाज को प्रेरणा भी मिलेगी और सीख भी।
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