डूबे हैं खेत, पानी की निकासी का नहीं कोई बंदोबस्त
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्य सलाहकार सेवा मुक्त लेफ्टीनेंट कर्नल टीएस शेरगिल द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के एक दिन बाद पूरे क्षेत्र में प्रशासन का एक भी अधिकारी नजर नहीं आया और न ही बाढ़ के पानी की निकासी लिए कोई प्रबंध किया जा पाया।
धर्मबीर सिंह मल्हार, चोहला साहिब
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्य सलाहकार सेवा मुक्त लेफ्टीनेंट कर्नल टीएस शेरगिल द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के एक दिन बाद पूरे क्षेत्र में प्रशासन का एक भी अधिकारी नजर नहीं आया और न ही बाढ़ के पानी की निकासी लिए कोई प्रबंध किया जा पाया।
दरिया ब्यास और सतलुज की मार झेल रहे तरनतारन जिले के 21 गांवों के करीब 72 लोगों को अब तक प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का बुधवार को सेवा मुक्त कर्नल टीएस शेरगिल ने धुस्सी बांध के साथ लगते गांवों का दौरा किया था। दौरे में डीसी, एसएसपी के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद दिखाई दिए थे। दौरे के एक दिन बाद इन गांवों में सारा दिन सुध लेने के लिए प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। गांव रूड़ीवाला निवासी किसान नेता हरजीत सिंह रवि ने बताया कि बाढ़ के कारण जिन क्षेत्रों में पानी भर चुका है वहां पर फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। पांच दिन से पानी में डूबी फसल को बचाना बहुत मुश्किल कार्य है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी की निकासी के लिए प्रशासन के पास कोई भी पुख्ता प्रबंध नहीं किया गया है। किसान बलबीर सिंह, निर्मल सिंह, चंद सिंह, फकीर सिंह, बुध सिंह का कहना है कि कस्बा चोहला साहिब के आसपास के गांवों में 20 से अधिक ट्यूबवेल पानी में डूबे पड़े हैं। कई गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए ग्रामीण ही काम कर रहे हैं। गांव मुंडापिंड, घड़का, करमूवाला, गुजरपुरा, भैल में पानी अभी भी नजर आ रहा है। उधर, गोइंदवाल साहिब के गांव धूंदा, भलोजला, वड़िंग, वैरोवाल के गांवों में पानी का स्तर थोड़ा कम तो हुआ है, लेकिन नुकसान कितना हुआ है। इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। किसान संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू कहते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के किसानों को मुआवजा देने के लिए कोई भी ठोस प्रबंध नहीं किए गए। जितनी देर तक खेतों में पानी रहेगा उतनी देर तक गिरदावरी नहीं हो पाएगी। ऐसे में इलाके के किसानों को बड़ी समस्या झेलनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि प्रभावित किसानों को फौरी मुआवजा दिया जाए।
प्रशासन निभा रहा जिम्मेदारी : डीसी
डीसी प्रदीप सभ्रवाल ने कहा कि इलाके की प्रशासन द्वारा लगातार सार ली जा रही है। समय-समय पर क्षेत्र का जायजा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के करीब 21 गांव प्रभावित हुए है। जिनकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र के लोगों को समस्या न आए। इसके अलावा प्रशासन जिम्मेदारी निभा रहा है।