टीबी अस्पताल में पानी की सप्लाई ठप, मरीजों में हाहाकार
। सरकारी टीबी अस्पताल में पिछले चौबीस घंटे से जल संकट गहरा गया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
सरकारी टीबी अस्पताल में पिछले चौबीस घंटे से जल संकट गहरा गया है। ट्यूबवेल की मोटर खराब होने की वजह से पूरे अस्पताल में जलापूर्ति नहीं हो रही। अस्पताल में स्थित सरकारी क्वार्टरों में रहने वाले कर्मचारी भी बूंद-बूंद जल को मोहताज हैं। दूसरी तरफ पब्लिक हेल्थ विभाग का ट्यूबवेल ऑपरेटर मोटर ठीक करवाने की बजाय अस्पताल परिसर में लकड़ियां जलाकर आग सेंकने में मशगूल है। पूछने पर उसने कहा कि मैंने उच्चाधिकारियों का बता दिया है। उनकी मर्जी है कि मोटर ठीक करवाएं या नहीं।
दरअसल, टीबी अस्पताल में जलापूर्ति के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा ट्यूबवेल लगाया गया है। ट्यूबवेल की मोटर इस साल में तीसरी बार खराब हुई है। पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए मरीजों को मोहताज होना पड़ रहा है। मरीजों को नहाने, बाथरूम जाने व दवा खाने के लिए पानी चाहिए। अफसोसनाक पहलू यह है कि ट्यूबवेल ऑपरेटर ने अस्पताल प्रशासन को इस विषय में जानकारी तक नहीं दी। वह बुधवार को लकड़ियां जलाकर आग सेंकता रहा। मरीज उससे पूछते कि पानी कब आएगा तो झल्लाकर जवाब देता कि मैंने पानी की आपूर्ति थोड़े न बंद की है। जब मोटर ठीक हो जाएगी, पानी आना शुरू हो जाएगा।
अस्पताल में उपचाराधीन मरीज रंजीत कुमार ने बताया कि वह बोतलबंद पानी मंगवाकर काम चला रहे हैं। शौच आदि व ब्रश करने के लिए भी बोतलबंद पानी का प्रयोग कर रहे हैं। मरीज सुखविदर सिंह व निशान सिंह के अनुसार ट्यूबवेल ऑपरेटर तो साफ कहता है कि चार पांच दिन तक पानी नहीं आएगा। अब प्रशासन बताए कि हम कहां जाएं। इधर, टीबी अस्पताल के सरकारी क्वार्टरों में भी जल संकट गहरा गया है। इन सरकारी क्वार्टरों मे भी इसी ट्यूबवेल से जलापूर्ति होती है। कसूरवार कौन ट्यूबवेल ऑपरेटर या अधिकारी?
ट्यूबवेल ऑपरेटर अवतार सिंह से ज्यादा कसूरवार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी हैं। पब्लिक हेल्थ विभाग के एसडीओ हरिदर सिंह का कहना है कि हम ट्यूबवेल ठीक करवा रहे हैं। हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास है। वहीं पब्लिक हेल्थ विभाग के एसई यादविदर के ध्यान में तो शिकायत तक नहीं आई। उन्होंने कहा मैं चेक करवा लेता हूं।
कोट :
''मैं अवकाश पर हूं। मुझे इस बात की जानकारी नहीं कि जलापूर्ति बंद है। मेरे बाद डॉ. गुनीत टीबी अस्पताल की व्यवस्था देख रहे हैं। उनसे बात कर समस्या का समाधान करवाता हूं।''
-डॉ. नवीन पांधी, इंचार्ज टीबी अस्पताल।