प्रबल के हॉस्टल रूम से मिली गुमनाम चिट्ठी, वीसी पर लगाए गंभीर आरोप
गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भाग दो की पढ़ाई करने वाले प्रबल कुमार आत्महत्या कांड में नया मोड़ आया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (जीएनडीयू) में एमएससी माइक्रोबायोलॉजी विभाग में भाग दो की पढ़ाई करने वाले प्रबल कुमार आत्महत्या कांड में नया मोड़ आया है। होशियारपुर के प्रेमगढ़ निवासी संजीव कुमार ने दावा किया है कि उनके बेटे ने वाइस चांसलर जसपाल सिह संधू की प्रताड़ना से दुखी होकर आत्महत्या की है। पीड़ित परिवार ने बताया कि वीरवार को जब वह प्रबल के हॉस्टल के कमरे में पहुंचे तो वहां उसके किसी दोस्त के हाथ से लिखी चिट्ठी उन्हें मिली है। जिस पर स्पष्ट लिखा है कि वाइस चांसलर जसपाल सिंह संधू की तरफ से उक्त कातिलाना साजिश रची गई है। एडीसीपी-टू संदीप कुमार ने बताया कि मामले की जांच तथ्यों के आधार पर की जा रही है। आरोपित कोई भी हो किसी भी कीमत पर कानून से बच नहीं सकता।
पीड़ित पिता संजीव कुमार ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, डीजीपी दिनकर गुप्ता और पुलिस कमिश्नर सुधांशु शेखर श्रीवास्तव से इंसाफ की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि प्रबल किसी भी कीमत पर आत्महत्या नहीं कर सकता है। उसे आत्महत्या को मजबूर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। वह परिवार के साथ वीरवार की सुबह यूनिवर्सिटी के उस हॉस्टल में बेटे का सामान लेने पहुंचे थे। जब वह बेटे की किताबें उठाने लगे तो टेबल के नीचे एक पंजाबी में लिखा हुआ पत्र मिला। वह प्रबल के हाथ का नहीं था। उसके किसी दोस्त ने लिखा था।
दोस्त ने पत्र में लिखा.. मेरे वीर प्रबल क मुख्य आरोपित वीसी संधू ही है
पत्र में लिखा गया था कि वह प्रबल को अच्छा दोस्त है, लेकिन सामने नहीं आ सकता। यूनिवर्सिटी के कुछ अधिकारी प्रबल को मानसिक रूप से परेशान कर रहे थे। उनमें से वाइस चांसलर जसपाल सिंह संधू भी शामिल हैं। यह आत्महत्या नहीं बल्कि जसपाल सिंह संधू की तरफ से की गई कातिलाना साजिश है। मैंने जब उसे (प्रबल) पुलिस में शिकायत करने की सलाह दी तो प्रबल का कहना था कि वीसी जसपाल सिंह बड़ा चेहरा है। वह उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। मेरे वीर प्रबल का मुख्य आरोपित जसपाल सिंह संधू ही है। यह केस को किसी भी कीमत पर बंद न होने दें। मैं सामने तो नहीं आ सकता, लेकिन सचाई के बारे में आपको बता रहा हूं। जसपाल सिंह को मौत की सजा मिलनी चाहिए। अगर मेरे दोस्त को जीने का हक नहीं है तो वाइस चांसलर को भी नहीं होना चाहिए।
लिखावट मिलाने में जुटी पुलिस
प्रबल के किसी दोस्त का पत्र मिलते ही पुलिस की जांच तेज हो गई है। पुलिस तलाश कर रही है कि घटना के पांचवें दिन जो पत्र मिला है वह प्रबल के किस दोस्त ने लिखा है। फिलहाल पुलिस प्रबल के दोस्तों का खाका तैयार कर रही है। आने वाले दिनों में विभाग के सभी छात्रों की लिखावट प्रबल के कमरे से मिले पत्र से मिलाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी।
यह है मामला
होशियारपुर के प्रबल कुमार ने रविवार की दोपहर अपने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटनास्थल से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला था, जिस पर प्रबल ने अपनी मौत का जिम्मेदार खुद को बताया था, लेकिन परिवार को इस पर यकीन नहीं हो रहा था। पुलिस ने अकसमात मौत का मामला दर्ज करते हुए पोस्टमार्टम करवा दिया था।
यूनिवर्सिटी ने आरोपों को नकारा
जीएनजीयू के पब्लिक रिलेशन विभाग के डायरेक्टर प्रवीण पुरी ने बताया कि मामला शरारतपूर्ण लगता है। सुसाइड नोट में प्रबल ने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। गुमनाम पत्र में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। वहीं वीसी से बार-बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं मिला।