गणपति बुद्धि, स्मृद्धि और सौभाग्य के देवता: प्रो. लाल
प्रो. लाल ने पारिवारिक सदस्यों के साथ किया गणेश विसर्जन।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : श्री गणपति विसर्जन के अवसर पर पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ बड़ी श्रद्धा के साथ गणपति जी की प्रतिमा को विसर्जित किया। प्रो. लाल ने इस त्योहार के महत्व के बारे में जिक्र करते कहा कि गणपति बुद्धि, स्मृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते है। भारतीय संस्कृति के अनुसार यह हर तरह की कठिनाई को दूर करते है। इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। यद्यपि गणपति की पूजा हजारों वर्षो से की जा रही है, परंतु ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध लोगों को एक जुट करने के लिए सबसे पहले महाराष्ट्र में राष्ट्र के महान नेता लोकमान्य तिलक ने 1893 में गणपति की पूजा और विसर्जन का आयोजन किया था। प्रो. लाल ने कहा कि महान विद्वान ऋषि वेदव्यास ने 10 दिन लगातार जब गणपति से महाभारत लिखवाई थी। तो गणपति का शरीर अति गर्म हो गया था। इसलिए उन्हें 11वें दिन जलकुंड में स्नान करवाया गया। गणपति बुद्धि, रिद्धी और सिद्धी अर्थात ज्ञान, स्मृद्धि और सफलता के देवता है। गणपति की पूजा भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, फीजी, मॉरिशियस, इंडोनेशिया, बंगलादेश और कई अन्य देशों में भी की जाती है। इस अवसर पर प्रिसिपल डॉ. वरिदर भाटिया, पूनम भाटिया, कर्णवीर वर्मा, सलोनी वर्मा, चरणजीत सिंह, दविदर कौर, मनजीत सिंह, जशन सिंह, प्रो. फेरी भाटिया, और अभिनंदन भाटिया आदि मौजूद थे।