आपातकाल लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय : राजेश हनी
कांग्रेस शासन में लगे आपातकाल को भले ही 47 वर्ष बीत चुके हैं परंतु उसके जख्म आज भी हरे हैं।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : कांग्रेस शासन में लगे आपातकाल को भले ही 47 वर्ष बीत चुके हैं, परंतु उसके जख्म आज भी हरे हैं। पुलिस की बर्बरता व तानाशाही को याद कर लोग आज भी सिहर जाते हैं। 25 जून, 1975 की वह काली रात जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को देश में आपातकाल लागू करने की सिफारिश की और रातोंरात लोगों के मौलिक अधिकार छीन दिए गए। कांग्रेस ने इस निर्दयता से विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया। शनिवार को प्रदेश भाजपा सचिव एडवोकेट राजेश हनी अपने साथियों सहित बख्शी राम अरोड़ा को सम्मानित करने उनके निवास स्थान पर पहुंचे।
हनी ने कहा कि उन सभी देशभक्त भारतवासियों को सलाम करते हैं जिन्होंने लोकतंत्र को बहाल करने और तानाशाही मानसिकता को हराने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि इस दिन सभी भारतवासियों को लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।
इस अवसर पर जिला भाजपा उपाध्यक्ष हरविदर सिंह संधू, संजय कुंदरा, हरप्रीत सिंह ग्रोवर, विक्रम नंदा आदि उपस्थित थे।