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¨प्रसिपलों को छुट्टी के लिए डीईओ से लेनी होगी मंजूरी

अमृतसर अब सरकारी स्कूलों के ¨प्रसिपल बिना जिला शिक्षा अधिकारी की मंजूरी के बिना छुट्टी पर नहीं जा पाएंगे। स्कूल ¨प्रसिपलों को जरूरी हालातों में ही केवल छुट्टी दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 07:48 PM (IST)
¨प्रसिपलों को छुट्टी के लिए डीईओ से लेनी होगी मंजूरी
¨प्रसिपलों को छुट्टी के लिए डीईओ से लेनी होगी मंजूरी

संवाद सहयोगी, अमृतसर

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अब सरकारी स्कूलों के ¨प्रसिपल बिना जिला शिक्षा अधिकारी की मंजूरी के बिना छुट्टी पर नहीं जा पाएंगे। स्कूल ¨प्रसिपलों को जरूरी हालातों में ही केवल छुट्टी दी जाएगी। यह बात शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी ने सरकारी सीसे स्कूल हेर अमृतसर में आकस्मिक जांच के दौरान कही। क्योंकि जिस स्कूल में शिक्षामंत्री निरीक्षण करने पहुंचे थे वहां की के प्रिसिंपल छुट्टी पर थीं। कई अध्यापक चुनाव में ड्यूटी लगी होने के कारण वहां मौजूद नहीं मिले।

मंत्री के सवाल का जवाब नहीं दे पाया 12वीं का विद्यार्थी

मंत्री ने कक्षाओं में जाकर बच्चों से बातचीत भी की व पूछा कि अध्यापक उनको सही ढंग से पढ़ा रहे हैं कि नहीं। बाथरूम व पीने वाले पानी के प्रबंध के बारे में जानकारी हासिल की। मंत्री सोनी ने इस दौरान बारहवीं कक्षा के एक विद्यार्थी को अंग्रेजी विषय में सवाल भी किया पर विद्यार्थी उसका जवाब नहीं दे पाया। मंत्री ने तुरंत संबंधित अध्यापक को इस संबंधी पूछा।

रिजल्ट खराब आया तो स्कूल मुखी होंगे जिम्मेदार

मंत्री सोनी ने कहा कि शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों के क्लास इंचार्जों को हिदायत जारी की गयी कि विद्यार्थियों के हाजिरी रजिस्टर क्लासों में रखे जाएं व अध्यापक ईमानदारी से विद्यार्थियों को पढ़ाएं। शिक्षा मंत्री सोनी ने कहा कि जिस स्कूल का नतीजा खराब आएगा उस स्कूल का मुखी जिम्मेदार होगा। मंत्री ने कहा कि उनके समेत शिक्षा विभाग के सारे अधिकारी स्कूलों में आकस्मिक चे¨कग कर रहे है।

लापरवाही बर्दाश्त नहीं

सोनी ने बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अध्यापकों की कमी को सरकारी स्कूलों में पूरा कर दिया गया है। बच्चों की शिक्षा में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अध्यापकों को और मेहनत करवाने के लिए प्रेरित किया ताकि जो इन बच्चों को अच्छी शिक्षा दे उनका भविष्य सुरक्षित किया जा सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनका मुख्य मकसद सरकारी स्कूलों को शिक्षा के रूप में प्राइवेट स्कूलों के बराबर लाना है। उन्होंने अध्यापकों को कहा कि अपने स्कूलों में वातावरण को साफ सुथरा रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए।

पहले के आधार पर हल करें स्कूलों की समस्या

सोनी ने डीईओ सेकेंडरी को हिदायत की है कि स्कूलों की जरूरतों को पहल के आधार पर हल किया जाए। इसकी इमारत में जो भी कमी है को पूरा किया जाए। उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य सेहत व शिक्षा को आम लोगों तक पहुंचाना है। इसलिए सरकार बड़े स्तर पर शिक्षा व सेहत के क्षेत्र में काम कर रही है। किसी भी प्रदेश की तरक्की वहां के साक्षर लोगों पर निर्भर करती है।


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