Move to Jagran APP

30 फीसद रह गया व्यापार, मंदी में जीविका कमाना हो चुका मुश्किल

गुरुनगरी के व्यापारिक केंद्र हाल बाजार की अपनी अलग ही पहचान है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 12:00 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 12:00 PM (IST)
30 फीसद रह गया व्यापार, मंदी में जीविका कमाना हो चुका मुश्किल
30 फीसद रह गया व्यापार, मंदी में जीविका कमाना हो चुका मुश्किल

कमल कोहली, अमनदीप सिंह, अमृतसर : गुरुनगरी के व्यापारिक केंद्र हाल बाजार की अपनी अलग ही पहचान है। इस बाजार में रोजाना करोड़ों रुपये का व्यापार होता है, लेकिन कोविड-19 के कारण पैदा हुए हालात से इस समय सब मंदी में हैं। जिन दुकानदारों के पास तीन से चार लोगों का स्टाफ होता था, वहां पर अब एक ही रह गया है। कई दुकानदारों का कहना है कि अब तो खर्चे निकालना भी मुश्किल है। दुकान में लगाई हुई पूंजी को ही समाप्त कर रहे हैं। चाहे केंद्र की सरकार हो या पंजाब की, किसी ने व्यापारियों की कोई मदद नहीं की है और ना ही उनसे कोई आस है। बाजार में ग्राहक सिर्फ 30 प्रतिशत ही रह गया है। बाजार में पार्किंग स्थल भी ना होने के कारण व्यापार दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है। हर दुकानदार कर्जे में डूबता जा रहा है, सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। सरकार को मंदी में गुजर रहे कारोबारियों की कोई फिक्र नहीं है। दुकानदारों को खर्च पूरे करने में बेहद मुश्किल हो रही है। दुकान में लगाई हुई पूंजी ही अब उनकी जीविका का साधन बन चुकी है।

loksabha election banner

-संदीप सिंह, दुकानदार हमारा व्यापार मोबाइल रिपेयर का है, काम बिल्कुल नहीं है। मंदी का दौर चल रहा है, दुकानों के किराये भी देने पड़ते हैं। सारे दिन में एक-दो ही काम आते हैं। खर्चे निकालना काफी मुश्किल हो चुका है।

- करनैल सिंह, दुकानदार पहले घड़ियों का व्यापार काफी होता था, लेकिन अब सिर्फ 30 प्रतिशत ही रह गया है। इस कारण अब तो घर के खर्चे निकालना भी मुश्किल हो चुका है। दुकानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों को वेतन देना भी समस्या बनता जा रहा है। सरकार इस तरफ ध्यान दे।

- दिलबाग सिंह, दुकानदार बाजार में पार्किग स्थल ना होने के कारण भी इस बाजार में अब ग्राहकों की कमी होती जा रही है। इससे दुकानदारों को मंदी के दौर में गुजारना पड़ रहा है। सरकार को दुकानदारों को विशेष आर्थिक पैकेज देना चाहिए।

- राजकुमार, दुकानदार मेरी शूज की दुकान है। दुकान में पहले एक लड़का रखा हुआ था। पर अब उसको मजबूरन निकालना पड़ा है। इसका कारण यह था कि खुद के खर्चे नहीं निकल रहे तो दुकान पर रखे युवक को काम पर कैसे रखेंगे।

-ताराचंद, दुकानदार समस्या गंभीर बनती जा रही है। किसी भी सरकार ने कोई मदद नहीं की है। दुकानदार कर्ज के बोझ में दबे जा रहे हैं। कर्मचारियों का खर्चा निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है। यदि हालात ऐसे रहे तो काफी लोग बेरोजगार हो जाएंगे।

- शेतिज महाजन, दुकानदार टूरिस्ट नहीं आने के कारण व्यापार काफी प्रभावित हो रहा है। कई दुकानें टूरिस्ट के आने से ही चलती हैं। जब तक टूरिस्ट का आवागमन शुरू नहीं होता है तब तक मंदी का दौर बाजारों में रहेगा। इस समय लोगों के पास परचेसिग पावर की कमी है।

- जितेंद्र सिंह, दुकानदार सबसे बड़ी समस्या पार्किग की है अगर पार्किग बन जाए तो काफी समस्याएं हल हो सकती है। इसे बाजार में ग्राहक भी बढ़ेगा। इस समय कोविड-19 की मार सभी दुकानदारों को पड़ी है। सरकार को दुकानदारों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए।

- गुरपाल सिंह, दुकानदार अमृतसर में ज्यादातर व्यापार पर्यटकों के सहारे ही हैं। यदि टूरिस्ट नहीं है तो व्यापार भी नहीं है। इस समय सिर्फ दुकान पर बैठकर ही दुकानदार समय व्यतीत कर रहे हैं। सरकार ने कोई सहायता नहीं दी है। डीजल पेट्रोल महंगा है जिससे हर एक वस्तु महंगी हो रही है।

- दविदर पाल, दुकानदार गर्मियों के दिनों में उनका सीजन चलता था पर अब यह सीजन मंदी के दौर में चला गया है। खर्चे निकालना मुश्किल है यदि हालात ऐसे ही रहे तो घर के खर्चे भी निकालना मुश्किल हो जाएगा। सरकार को दुकानदारों को विशेष पैकेज देना चाहिए।

- सूरज प्रकाश, दुकानदार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.