भारत-पाक में व्यापार बंद होने से अटारी में बिके 270 ट्रक
भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद होने के बाद इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी पर 270 ट्रक बिक गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर: भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार बंद होने के बाद इंटेग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) अटारी पर हर तरफ बेरोजगारी दिख रही है। कुली तो क्या ट्रक मालिक भी आजकल निराश दिखाई देते हैं। आइसीपी गेट से लेकर दो किलोमीटर तक पहले सड़क के दोनों ओर ट्रकों की कतारें होती थीं, अब सड़कों पर कभी-कभार ही ट्रक मिलता है। हर तरफ सन्नाटा है। अटारी बॉर्डर ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के 270 ट्रक बिक चुके हैं। यूनियन के बाकी ट्रक अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
एसोसिएशन के प्रधान कुलविंदर सिंह संधू कहते हैं कि अब तो हालात यह है कि ट्रक मालिक भी रोजी-रोटी के लिए मोहताज होने लगे हैं। आठ माह पहले जहा एसोसिएशन का कार्यालय ट्रक चालकों व अन्य लोगों से भरा दिखता था, आज उसे ताला लग चुका है। मौजूदा समय में तो सीमात गावों के लोगों के लिए रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यहा कभी एक हजार से ज्यादा ट्रक रोजाना चलते थे। एसोसिएशन के 270 ट्रक बिक चुके हैं, जबकि एक प्राइवेट ट्रासपोर्ट तो पूरी तरह से बंद हो चुकी है। उसके करीब 150 ट्रकों में से ज्यादातर बिक चुके हैं या फिर बिकने को तैयार हैं। सड़क पर खड़े ट्रकों के पार्ट्स गायब हो चुके हैं और धीरे-धीरे यह कबाड़ हो रहे हैं।
ट्रक एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य परमिंदर राज सिंह ने बताया कि पिछले 45 सालों में पहली बार है कि ट्रक मालिक रोजी-रोटी के मोहताज हुए हैं। ट्रक चालकों व अन्य की संख्या हजारों में है। आइसीपी अटारी लेबर यूनियन हिंद मजदूर सभा के प्रधान हरभजन सिंह बाबा, जसबीर सिंह ठेला, जसबीर सिंह, शमशेर सिंह, रंजीत सिंह, मोहन सिंह, अमरीक सिंह और बलविंदर सिंह बूटा का कहना है कि भारत-पाक सीमा पर कारोबार बंद कर उन्हें बेरोजगार करने का फैसला सही नहीं। आइसीपी पर काम करने वाले 1433 कुलियों के परिवार कारोबार बंद होने के बाद बुरी तरह टूट चुके हैं।
भारत ने बढ़ा दी दो सौ फीसद ड्यूटी
भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर स्थित पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से आयात पर दो सौ फीसद ड्यूटी बढ़ा दी थी। इस वजह से व्यापार लगभग बंद हो गया। भारत में पाकिस्तान से ड्राई फ्रूट, सीमेट, नमक, जिप्सम आदि आयात होता था।