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डोप टेस्ट के लिए नेता के रिश्तेदार ने स्टाफ को घर बुलाकर दिया सैंपल

असलाह धारकों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य किया गया है पर इस पर अब वीआइपी कल्चर हावी होने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 12:19 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 12:19 AM (IST)
डोप टेस्ट के लिए नेता के रिश्तेदार ने स्टाफ को घर बुलाकर दिया सैंपल
डोप टेस्ट के लिए नेता के रिश्तेदार ने स्टाफ को घर बुलाकर दिया सैंपल

जागरण संवाददाता, अमृतसर : असलाह धारकों के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य किया गया है, पर इस पर अब वीआइपी कल्चर हावी होने लगा है। इसका ताजा उदाहरण तब मिला जब एक राजनेता के रिश्तेदार ने डोप टेस्ट के लिए सरकारी स्टाफ को घर ही बुला लिया। सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति केंद्र से बाकायदा स्टाफ उनके घर पहुंचा और यूरिन का सैंपल लिया।

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ये है नियम..

डोप टेस्ट करवाने के लिए असलहा धारक को डोप सेंटर में खुद हाजिर होना पड़ता है। केंद्र के एक कर्मचारी की मौजूदगी में आवेदक अपना सैंपल कंटेनर भरता है। इसके बाद स्टाफ इसे टेस्टिग के लिए लैब में लगाता है।

ऐसे टूटे नियम.

राजनेता के रिश्तेदार के एक फोन पर डोप टेस्ट केंद्र का तकनीशियन और उनका सहयोगी रानी का बाग स्थित उनके आवास पहंच गए। कंटेनर में सैंपल लिया। सैंपल लेकर स्टाफ सेंटर पहुंचा और टेस्ट के लिए लगा दिया। ऐसे में यह भी आशंका है कि सैंपल किसी और ने ना दिया है।

किसी के घर जाकर सैंपल लेना गलत: डॉ. नीलू

स्वामी विवेकानंद नशा मुक्ति केंद्र की प्रभारी डॉ. नीलू का कहना है कि हम किसी के घर जाकर सैंपल लेना मंजूर नहीं करते। फिल्हाल वह मेडिकल लीव पर हैं। इसलिए मामले की जानकारी नहीं है। मामले की जांच के बाद ही कुछ कह कहेंगी।

स्टाफ ने अपने सामने लिया था यूरिन सैंपल : डॉ. राजीव अरोड़ा

डोप टेस्ट प्रक्रिया के इंचार्ज डॉ. राजीव अरोड़ा ने भी स्वीकार किया कि उनके दो कर्मचारी सैंपल लेने गए थे। हालांकि दावा किया कि सैंपल कर्मचारियों ने अपने सामने ही लिया है। वहीं नियमों की अव्हेलना के सवाल पर उन्होंने फोन काट दिया।

डेप टेस्ट प्रक्रिया सवालों के घेरे में

कोरोना काल में डोप टेस्ट की प्रक्रिया पर सरकार ने विराम लगाया था। पिछले सप्ताह ही प्रतिदिन दस से बारह लोगों के डोप टेस्ट शुरू किए गए हैं। उपरोक्त घटना से स्पष्ट है कि नियम केवल जनता पर लागू होते हैं, राजनेताओं के चहेतों पर नहीं। वास्तविक स्थिति यह है कि डोप टेस्ट शुरूआत से ही सवालों के घेरे में रहा है। सिविल अस्पताल में तो कई बार लोग घर से यूरिन का सैंपल लेकर पहुंचे हैं। एक व्यक्ति तो अपनी पत्नी का यूरिन सैंपल लेकर आ गया था, जो बाद में पकड़ा गया।


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