पाकिस्तान के ड्रोन षड्यंत्र का अंत करेगा DRDO का बनाया एंटी ड्रोन सिस्टम
ड्रोन की तकनीक में भी बीते कुछ समय में काफी बदलाव आ गया है। पहले तेज आवाज करने वाले ड्रोन थे लेकिन अब ध्वनि रहित ड्रोन भी सारपार से भेजे जा रहे हैं लेकिन इस अत्याधुनिक एंटी ड्रोन सिस्टम से दुश्मन के ड्रोन बच नहीं सकेंगे।
नितिन धीमान, अमृतसर: पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए हेरोइन व हथियार भेजने के कुप्रयासों को बीएसएफ अब आसानी से विफल करने में सक्षम होगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ऐसा एंटी ड्रोन सिस्टम विकसित किया है, जो पाकिस्तान के ड्रोन षड्यंत्र का अंत कर देगा। आए दिन बीएसएफ के जवान पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन नष्ट करने या उन्हें लौटाने में सफल रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद बहुत बार दुश्मन अपनी साजिश में कामयाब हो जाते हैं और बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ हथियार भारत पहुंच जाते हैं। अब ऐसा नहीं हो पाएगा। इस एंटी ड्रोन सिस्टम से ध्वनि रहित ड्रोन भी पकड़ में आ सकेंगे।
सेंसर आधारित तकनीक पर करेगा काम
यह सिस्टम सेंसर आधारित तकनीक पर काम करेगा। इसे जल्द ही भारत-पाक सीमा लगाया जाएगा। अभी इसका परीक्षण चल रहा है। इसे सीमा पर बड़े स्तर पर लगाने के लिए भारत सरकार कुछ बड़ी कंपनियों से अनुबंध कर चुकी है। पंजाब से सटी पाकिस्तान की सीमा पर लगने वाला यह पहला एंटी ड्रोन सिस्टम होगा।
जम्मू में एयरबेस पर हमले के बाद महसूस हुई जरूरत
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद एंटी ड्रोन सिस्टम की जरूरत महसूस हुई थी। आतंकियों ने विस्फोटक गिराने के लिए छोटे ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इसके बाद से सीमा पार से ड्रोन गतिविधियां बढ़ रही थीं। यह अलग बात है कि चौबीस घंटे सीमा पर तैनात बीएसएफ के प्रहरियों ने इन ड्रोन को आगे नहीं आने दिया। एंटी ड्रोन सिस्टम सीमा पार से आने वाले किसी भी ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है। बीएसएफ के अधिकारियों के अनुसार डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई इस तकनीक का सघन परीक्षण चल रहा है। सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के कारण बीएसएफ के अधिकारी सिस्टम के बार में अधिक जानकारी साझा नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह मानते हैं कि ड्रोन हमलों को रोकने में यह तकनीक कारगर साबित होगी। हालांकि परीक्षण के दौरान पूरी तरह आश्वास्त होने के बाद इस सिस्टम को सीमा पर लगाया जाएगा।
तकनीक में आय़ा बदलाव
ड्रोन की तकनीक में भी बीते कुछ समय में काफी बदलाव आ गया है। पहले तेज आवाज करने वाले ड्रोन थे, लेकिन अब ध्वनि रहित ड्रोन भी सारपार से भेजे जा रहे हैं। कोहरे के सीजन में ड्रोन दिखाई भी नहीं देते, लेकिन इस अत्याधुनिक एंटी ड्रोन सिस्टम से दुश्मन के ड्रोन बच नहीं सकेंगे।
29 अप्रैल, 2022 को अमृतसर और सितंबर 2019 को तरनतारन में गिराए गए ड्रोन। जागरण
दस मिनट में कहीं भी लगा सकेंगे
नया सिस्टम दस मिनट में अंतरराष्ट्रीय सीमा में स्थापित किया जा सकेगा। इसे कहीं भी लाना और ले जाना आसान होगा। यह एक ही समय में एक से अधिक ड्रोन को पकडऩे में सक्षम है।
ड्रोन नष्ट करने की प्रमुख घटनाएं
- नौ मई, 2022 को बीएसएफ ने अमृतसर के गांव भरोवाल में ड्रोन को नष्ट कर दिया। इसके साथ साढ़े दस किलोग्राम हेरोइन बंधी हुई थी।
- 29 अप्रैल को बीएसएफ ने अमृतसर सेक्टर के गांव दाउके कलां में पाकिस्तान ड्रोन को नष्ट किया, लेकिन इससे कुछ बरामद नहीं हुआ।
- सात मार्च को बीएसएफ ने फिरोजपुर सेक्टर में ड्रोन को गिराया। इससे सवा चार किलोग्राम हेरोइन मिली।
- सितंबर 2019 में ड्रोन से पांच एके-47 व इसकी 16 मैगजीन, चार पिस्टल व आठ मैगजीन, नौ हैंड ग्रेनेड, पांच सेटेलाइट फोन और 10 लाख रुपये की जाली भारतीय करंसी भेजी गई थी। यह अब तक की सबसे बड़ी खेप है।
ये प्रयास भी हो रहे..
- इसी वर्ष मई में बीएसएफ ने एक श्वान को भी सीमा पर तैनात किया है। फ्रूटी नाम की यह मादा श्वान 500 मीटर से अधिक दूरी पर ड्रोन की आवाज सुनकर अलर्ट कर सकती है।
- बीएसएफ के जवानों को ड्रोन को हवा में नष्ट करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- सीमा पार से आ रहे ड्रोन की जानकारी देने वाले व्यक्ति को बीएसएफ ने एक लाख रुपये पुरस्कार देने की भी घोषणा कर चुकी है।