महिलाएं समाज की नींव होती है : टुटेजा
इस्लामाबाद स्थित किड्ज वैली पब्लिक स्कूल में समाज सेवी संस्था खिलती कलियां ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : इस्लामाबाद स्थित किड्ज वैली पब्लिक स्कूल में समाज सेवी संस्था 'खिलती कलियां' ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया। इसका उद्देश्य समाज की कुछ प्रतिष्ठित महिलाओं को उनके कार्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित करना था।
संस्था की अध्यक्ष व प्रिसिपल रंजू टुटेजा ने सभी आमंत्रित महिलाओं को बधाई दी और कहा कि महिलाएं समाज की नींव होती हैं। एक महिला के पढ़ने से पूरी पीढ़ी साक्षर होती है। हर औरत को परिवार के साथ-साथ अपने कार्य क्षेत्र में संतुलन बनाकर जीवन में अग्रसर होना चाहिए। यह दिवस महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने के साथ-साथ उन महिलाओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अथक प्रयास किए हैं। कार्यक्रम में डा. शैली जगी, डा. निरुपमा अरोड़ा, डा. मनप्रीत जोली, पार्षद उषा देवगन, कमला देवगन, राधिका, टीना व शोभा को सम्मान हासिल हुआ है। कार्यक्रम के डा. शैली जग्गी द्वारा महिलाओं के विषय में सुनाई गई कविताओं ने सबका मन मोह लिया।इस मौके पर ईशान खुराना, किरण, ममता, सतिदर सिंह, इंदू तलवाड़ आदि मौजूद थे।
पूनम भाटिया ने मेहनत से समाज में हासिल किया मुकाम
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत 112 वर्ष पहले 1908 में अमेरिका में हुई थी। आज यह ऐसा दिवस बन गया है, जिसमें हम हर क्षेत्र में महिलाओं की कामयाबी का लोहा मनवाने का जश्न मनाते हैं। इनमें ऐसी ही एक कर्मठ महिला पूनम भाटिया हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत व लग्न से समाज में एक मुकाम हासिल किया है। बचपन से ही उनके मन में कुछ कर गुजरने की इच्छा थी। अपने आत्मविश्वास, मेहनत व लग्न से वह आज आर्य समाज स्कूल में अंग्रेजी विषय की विभागाध्यक्ष हैं। एक कुशल वक्ता होने के साथ-साथ बच्चों की हरमन प्यारी शिक्षिका भी हैं। घर व परिवार में सामंजस्य बिठाकर चलने वाली इस महिला के पति डा. वरिदर भाटिया पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के वाइस चेयरमैन हैं। इनकी पुत्री प्रो. फैरी भाटिया डीएवी कालेज में लेक्चरर हैं तथा बेटा अभिनंदन भाटिया प्लस टू का विद्यार्थी है। यह सब इनकी मेहनत व लग्न का नतीजा है, क्योंकि अगर एक महिला शिक्षित होगी, तभी समस्त परिवार की उन्नति संभव है।