Move to Jagran APP

डॉ. सुजाता शर्मा का तबादला, डॉ. राजीव होंगे मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल

सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा का तबादला कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 11:37 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 11:37 PM (IST)
डॉ. सुजाता शर्मा का तबादला, डॉ. राजीव होंगे मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल
डॉ. सुजाता शर्मा का तबादला, डॉ. राजीव होंगे मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल

जागरण संवाददाता, अमृतसर

loksabha election banner

सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा का तबादला कर दिया गया है। उनके स्थान पर मेडिकल कॉलेज स्थित कैंसर विभाग के प्रभारी डॉ. राजीव देवगण को प्रिसिपल लगाया गया है। डॉ. सुजाता शर्मा अब गायनी वार्ड की प्रभारी के रूप में सेवाएं देंगी। वहीं वाइस प्रिसिपल डॉ. वीणा चतरथ को भी इस जिम्मेवारी से मुक्त कर एनेस्थीसिया विभाग भेज दिया गया है। अब वाइस प्रिसिपल के रूप में डॉ. जगदेव सिंह कुलार को नियुक्त किया गया है। मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. शिवचरण को मेडिकल कॉलेज से हटाकर पटियाला स्थानांतरित कर दिया गया है।

दरअसल, पीपीई किट्स की खरीद में हुए घोटाले के बाद मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग की काफी किरकिरी हो रही थी। इस मामले में पुड्डा की प्रशासक डॉ. पल्लवी ने बीते मंगलवार को मेडिकल कॉलेज व गुरुनानक देव अस्पताल के बीस डॉक्टरों को तलब कर पूछताछ की थी। इस दौरान यह तथ्य सामने आए कि किट्स वाकई घटिया किस्म की थीं। बुधवार को मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग ने अचानक ऑर्डर जारी कर प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा को हटा दिया। इन आदेशों में प्रिसिपल पद से हटाने की वजह तो नहीं लिखी गई, पर चर्चा है कि पीपीई किट्स की खरीद की डिमांड डॉ. सुजाता शर्मा ने ही भेजी थी। दूसरी तरफ मेडिसिन विभाग के डॉ. शिवचरण इस वक्त कोरोना वार्ड की जिम्मेवारी संभाल रहे थे। उन्होंने ही पीपीई किट्स के घोटाला होने की संभावना व्यक्त करते हुए आरोप प्रत्यारोप किए थे। उन्हें भी बदलकर पटियाला भेजा गया है।

गौरतलब है कि 25 जून को सर्किट हाउस में मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग के मंत्री ओमप्रकाश सोनी, मुख्यमंत्री के हेल्थ एडवाइजर केके तालवाड़ ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से बैठक की थी। इस बैठक में कोरोना के साथ-साथ पीपीई किट्स का मामला भी उछला था। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद ही डॉ. सुजाता शर्मा को प्रिसिपल पद से हटाने की रूपरेखा तय हो गई थी। जांच अधिकारी के सामने प्रस्तुत हुए नर्सिंग व दर्जा चार कर्मचारी

पीपीई किट्स घोटाले की जांच कर रही पुड्डा प्रशासक डॉ. पल्लवी ने बुधवार को मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ व दर्जा चार कर्मचारियों को जांच में शामिल किया। पांच कर्मचारियों के बयान कलमबंद किए गए। दर्जा चार कर्मचारी यूनियन के प्रधान नरिदर कुमार ने डॉ. पल्लवी से कहा कि घटिया क्वॉलिटी की किट्स के बारे में उन्होंने मेडिसिन विभाग के मुखी, प्रिसिपल व कोरोना के नोडल ऑफिसर को लिखित शिकायत की थी। नर्सिंग स्टाफ ने भी किट्स के घटिया होने की बात कही। औजला ने भी उठाए थे डॉ. सुजाता की कार्यप्रणाली पर सवाल

सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी प्रिसिपल डॉ. सुजाता शर्मा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। कई बार वह सरकार से मांग कर चुके थे कि उन्हें पद से हटाया जाए। औजला का तर्क था कि उन्होंने कोरोना काल में अस्पताल की बेहतरी व मरीजों की सुविधा के लिए एक करोड़ की ग्रांट जारी की थी। इस ग्रांट से खरीदी गई किट्स में घोटाला हुआ, लेकिन इसकी जांच भी धीमी रफ्तार से की जाती रही। उन्होंने केंद्रीय सांख्यिकी विभाग व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को इस मामले की जांच में तेजी लाने की अपील भी की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.