महिलाओं को अकेले मुस्लिम देशों में न भेजें लोग : ज्ञानी गुरबचन सिंह
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा है कि लाेग महिलाअों को अकेली मुस्लिम देशों में न भेजें। सिख जत्थों में भी अकेली महिला को न भेजा जाए।
जेएनएन, अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा है कि लाेग महिलाअों और अपनी बेटियों को अकेली रोजगार या पढ़ाई के लिए मुस्लिम देशों में न भेजें। हमारी संस्कृति में महिलाओं का स्थान बहुत ऊंंचा है। उनका अपमान किया जाना सिख पंथ में स्वीकार नहीं किया जाता। इसलिए लड़कियों को अपने ही देश में अधिक से अधिक पढ़ाया जाए और रोजगार की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने कहा कि भविष्य में एसजीपीसी को हिदायत की जाएगी कि गुरुधामों के दर्शनों के लिए विदेशों में भेजे जाने वाले जत्थों के साथ अकेली महिलाओं को न भेजा जाए। जत्थेदार ने यह भी कहा कि सिख इतिहास व गुरु साहिब के साथ कोई भी लेख या अन्य सामग्री पाठ्य पुस्तकों में प्रकाशित किए जाने के संबंध में एसजीपीसी से मंजूरी ली जाए।
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उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के शिक्षण संस्थानों में जो चौथी कक्षा की हिंदी की पाठ्य पुस्तक में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है और तस्वीर भी विवादास्पद है उस की जांच होनी चाहिए। एसजीपीसी को भी चाहिए कि जो भी पुस्तकें शिक्षण संस्थानों में लगाई जाती हैं उनकी पूरी तरह पड़ताल कराई जाए।
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भाई गुरइकबाल सिंह श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब
उधर, जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने बीबी कौंला जी भलाई ट्रस्ट के मुखी भाई गुरइकबाल सिंह को उनके जन्म दिन के संबंध में सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर को लेकर स्पष्टीकरण देने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब कर लिया है। उन्होंने भाई गुरइकबाल सिंह के साथ-साथ इस पोस्टर को जारी करने वालों को भी स्पष्टीकरण देने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होने के आदेश दिए हैं।
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उन्होंंने कहा कि भाई गुरइकबाल सिंह एक प्रचारक हैं। उनके जन्म दिन को मनाने संबंधी जो शब्दावली पोस्टर में उपयोग की गई है। वह सिख पंथक मर्यादाओं के खिलाफ है। इस मामले को लेकर भाई गुरइकबाल सिंह अपना एक आडियो जारी करते हुए कहा कि उनका इस पोस्टर से कोई संबंध नहीं है। किसी व्यक्ति ने शरारत करते हुए उनके जन्म दिन को अगामन दिवस के रूप में पोस्टर निकाल कर उसे व बीबी कौंला जी भलाई ट्रस्ट को बदनाम करने की कोशिश की है। यह एक साजिश का हिस्सा है। इस संबंध में मैने लिखित स्पष्टीकरण श्री अकाल तख्त साहिब को भी भेज दिया है।
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