भ्रष्टाचार के आरोप में डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर गिरफ्तार, विजिलेंस ने दर्ज की एफआइआर
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर सिंह भागोवालिया को विजिलेंस ने वीरवार बाद दोपहर उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया।
जेएनएन, अमृतसर। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लखबीर सिंह भागोवालिया को विजिलेंस ने वीरवार बाद दोपहर उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। डॉ. भागोवालिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत एफआइआर भी दर्ज कर ली गई है। जानकारी के अनुसार वीरवार बाद दोपहर चार बजे विजिलेंस की टीम सिविल सर्जन कार्यालय स्थित जिला स्वास्थ्य अधिकारी के कमरे में पहुंची। उस वक्त डॉ. भागोवालिया कमरे में अकेले थे। विजिलेंस की टीम ने कुछ देर उनसे बातचीत की और फिर अपने साथ चलने को कहा। टीम ने डॉ. भागोवालिया को अपनी गाड़ी में बिठाया और कचहरी चौक स्थित विजिलेंस हेडक्वॉर्टर ले आई। यहां विजिलेंस के अधिकारियों ने डॉ. भागोवालिया से पूछताछ शुरू की। इसके बाद उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई।
दरअसल, विजिलेंस ने डीएचओ का फोन पिछले कुछ दिनों से सर्विलेंस पर लगाया था। वह किसके बात करते थे, क्या बात करते थे इसकी जानकारी विजिलेंस को मिलती रही। डीएचओ की गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस के एसएसपी आरके बख्शी वीरवार को अपने कार्यालय में बैठ कर उनकी कॉल रिकॉर्डिंग सुनते रहे। इस आधार पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई। एसएसपी ने पुष्टि की कि डॉ. भागोवालिया के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उनके पास डॉ. भागोवालिया के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कुछ फोन कॉल्स रिकॉर्डिंग्स हैं, जिससे साबित होता है कि वे भ्रष्टाचार कर रहे थे। उनके घर की तलाशी के लिए भी टीमें भेजी जाएंगी। अभी वह इस मामले ज्यादा कुछ नहीं कह सकते। शुक्रवार को कई अहम खुलासे होंगे।
डॉ. भागोवालिया पर लगते रहे हैं भ्रष्टाचार के आरोप
डॉ. लखबीर सिंह भागोवालिया पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। वर्ष 2016 में रामबाग स्थित फ्रूट मार्केट के दुकानदार गुलशन कुमार ने डॉ. भागोवालिया के खिलाफ शिकायत सिविल सर्जन को दी थी। गुलशन के अनुसार डॉ. भागोवालिया अपनी टीम के साथ उनकी दुकान पर आए और फलों के सैंपल भरे। इसके बाद अपने स्टाफ के माध्यम से मुझे कहा गया कि उसके सैंपल चंडीगढ़ भेज दिए जाएंगे। डॉ. भागोवालिया ने अप्रत्यक्ष रूप में पैसों की डिमांड की थी। इस मामले की शिकायत पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला तक पहुंची तो उन्होंने वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा को कार्रवाई करने को कहा था। हालांकि बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया। डॉ. भागोवालिया लंबे समय से विजिलेंस की निगाह में थे। उनपर आरोप लगते रहे वे शहर के दुकानदारों को सैंपल भरने के नाम पर तंग कर रहे हैं।
लैपटॉप और दस्तावेज भी कब्जे में लिए
डीएचओ कार्यालय के स्टाफ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उन्हें विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। डीएचओ कार्यालय का स्टाफ अब इस आशंकित है कि कहीं विजिलेंस की टीम उनके खिलाफ भी कोई एक्शन न ले। असल में विजिलेंस की टीम डीएचओ के साथ-साथ दो लैपटॉप और कुछ दस्तावेज भी साथ ले गई है।
डॉ. नवजोत कौर ने भी पकड़ा था
डॉ. भागोवालिया को कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर ने बटाला में प्राइवेट नर्सिंग होम में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए पकड़ा था। उस वक्त डॉ. भागोवालिया स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल ऑफिसर के रूप में कार्यरत थे। अपने प्राइवेट नर्सिंग होम में मरीजों की जांच कर रहे थे।
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