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सरबत खालसा में विवादित फैसले , हवारा श्री अकाल तख्‍त साहिब का जत्‍थेदार घोषित

पंथक संगठनों द्वारा मंगलवार को आयोजित सरबत खालसा से नए विवाद खड़े हो गए हैं। इसमेें कई विवादित फैसले किए गए हैं। इसमें मता (प्रस्‍ताव) पारित कर आतंकी व बेअंत सिंह हत्‍याकांड के आराेपी जगतार सिंह हवारा को श्री अकाल तख्‍त साहिब का जत्‍थेदार नियुक्‍त करने का ऐलान किया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2015 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2015 09:42 PM (IST)
सरबत खालसा में विवादित फैसले , हवारा  श्री अकाल तख्‍त साहिब का जत्‍थेदार घोषित

अमृतसर। पंथक संगठनों द्वारा मंगलवार को आयोजित सरबत खालसा से नए विवाद खड़ हो गए हैं। इसमेें कई विवादित फैसले किए गए हैं। इसमें मता (प्रस्ताव) पारित कर आतंकी व बेअंत सिंह हत्याकांड के आराेपी जगतार सिंह हवारा को श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार नियुक्त करने का ऐलान किया गया।

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गुरदीप सिंह बठिंडा ने मता (प्रस्ताव) पारित कराना शुरू किया। इसमें एक के बाद एक विवादित ऐलान किए जाते रहे। गुरदीप सिंह ने पहला मता श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार गुरबचन सिंह हटाने का रखा। इसे पारित कर दिया गया। उनकी जगह आतंकी व पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे जगतार सिंह हवारा को श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार नियुक्त करने की घोषणा की।

फिलहाल हवारा के जेल में होने के कारण ध्यान सिंह मंड को कार्यकारी जत्थेदार बनाया गया। सरबत खालसा में कुल 13 प्रस्ताव पारित किए गए।विभिन्न नेताओं के संबोधन के बाद एक-एक प्रस्ताव पारित किए गए। जिस पर उपस्थित संगत ने जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के जयकारे से रजामंदी की मुहर लगाई। हालांकि, इस आयोजन का नाम विवादों के घेरे में है। एसजीपीसी समेत विभिन्न पंथक संगठनों ने इसे सरबत खालसा का नाम करार देने से इनकार किया है।

भाई अमरीक सिंह अजनाला को तख्त श्री केसगढ़ साहिब व भाई बलजीत सिंह दादूवाल को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार नियुक्त किए गए। इस नियुक्ति से पहले एसजीपीसी द्वारा संचालित तीनों तख्तों के जत्थेदारों के साथ तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को भी पदमुक्त करने की घोषणा की गई। हालांकि, पटना साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति अभी नहीं की गई है। विश्व सिख संसद के गठन का निर्णय किया गया। फैसलों को लागू करने व विधि विधान तैयार करने के लिए जत्थेदार अकाल तख्त साहिब को 30 नवंबर तक देश-विदेश की संयुक्त कमेटी गठित करने को कहा गया है।

सरबत खालसा में उमड़ी संगतों की भीड़।

मंच से घोषणा की गई कि बंदी छोड़ दिवस (दीवाली) पर तीनों तख्तों के जत्थेदार श्री हरिमंदिर साहिब माथा टेकने जाएंगे। साथ ही इन्हें सारे अधिकार सौंपते हुए 30 नवंबर तक श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति, पद मुक्ति, सेवा अधिकार के बारे में एक प्रारूप तैयार करने के लिए संयुक्त कमेटी का गठन करने को कहा गया है। इसके बाद वर्ष 2016 की बैसाखी पर होने वाली सरबत खालसा में कमेटी की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

इसके अलावा सरबत खालसा में पूर्व डीजीपी केपीएस गिल व भारतीय सेना के पूर्व जरनल कुलदीप सिंह बराड़ को तनखैइया घोषित कर 30 नवंबर तक श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश होकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से फख्र-ए-कौम व पंथ रतन पुरस्कार और एसजीपीसी के अध्यक्ष जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ से अकाल तख्त साहिब द्वारा सौंपे शिरोमणि सेवादार का पुरस्कार वापस लेने का निर्णय किया गया।

मुख्यमंत्री बादल पर श्री अकाल तख्त साहिब के सम्मान को ठेस पहुंचाने, जत्थेदारों पर हुक्म चलाने व अकाली दल के मौलिक स्वरूप को समाप्त कर पंजाब के सभी व्यापारिक संस्थानों पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया।

अन्य प्रस्ताव में सिख संगत, ग्रंथी सिंहों, गुरुद्वारा कमेटियों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की सेवा संभाल के लिए सचेत रहने के लिए कहा गया है। गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी करने वालों को पंथक परंपराओं के साथ सजा देने की घोषणा की गई। इसके साथ ही जेलों में बंद सिख कैदियों को कौम का सरमाया बताते हुए कहा गया कि कि जो सिख सजा पूरी कर चुके हैं उन्हें रिहा किया जाए।

सिख नेताओं ने कहा कि भूख हड़ताल पर बैठे बाबा सूरत सिंह का यदि नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का तुरंत चुनाव करवाया जाए। पिछले कई सालों से एसजीपीसी को भंग किया हुआ है। यह सिखों से अन्याय है।

इसके अलावा, मांग की गई कि आजादी के संघर्ष में श्री अकाल तख्त साहिब की स्वायत्तता की बहाली तक सिखों के भीतरी धार्मिक मामलों को न उठाया जाए। सरबत खालसा में सिखों के लिए एक नए कैलेंडर की मांग की गई। श्री हरिमंदिर साहिब को वेटिकन सिटी का दर्जा देने और यहां किसी भी सरकार का कानून लागू न होने संबंधी प्रस्ताव पास किया गया।

सरबत खालसा में गांवों व शहरों में बने जात आधारित गुरुद्वारों व शमशान घाटों को खत्म करने की भी घोषणा की गई। सिख कौम की धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक कमजोरी को दूर करने के लिए आह्वान किया गया।

इससे पहले सुबह करीब साढ़ नौ बजे सरबत खालसा अखंड पाठ के भोग के साथ यहां शुरू हुआ। इसमें भारी संख्या में सिख संगत पहुंची। इसमें विभिन्न संगठनों के प्रमुख व प्रतिनिधि मौजूद रहे। इसमें, अमेरिका, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड व आस्ट्रेलिया सहित कई देशों से आए प्रतिनिधि शामिल हुए।

अायाेजन स्थल के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।सुरक्षा के मद्देनजर अर्द्धसैनिक बल की चार कंपनियां समेत 6000 से अधिक जवान तैनात हैं। सुरक्षा के लिए साेमवार रात को ही जवानों को तैनात कर दिया गया था।

बीस एकड़ में बना था पंडाल

गांव चब्बा स्थित आयोजन स्थल पर करीब बीस एकड़ जमीन पर संगत के लिए खुले में रेड कारपेट बिछाया गया था। सरबत खालसा का आयोजन सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफी देने और श्री गुरुग्रंथ साहिब से बेअदबी की घटनाओं से पैदा विवाद के बाद किया गया।

सरबत खालसा में मंच पर मौजूद प्रतिनिधि और संगत।

इसके अायोजन की घोषणा के बाद इसके समर्थन व विरोध में स्वर उठने लगे थे। शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) इसका विरोध कर रही है। कई पंथक संगठनों ने भी इससे किनारा कर लिया।

यह भी देखें : फोटो गैलरी : अमृतसर के चब्बा में सरबत खालसा शुरू, जुटी संगतों की भीड़

पुलिस ने आयोजन स्थल और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े इंतजरम किए। शहर से आयोजन स्थल गांव चब्बा मार्ग तक दो जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। डीजीपी सुरेश अरोड़ा सोमवार शाम ही अमृतसर पहुंचे गए थे। डीजीपी ने आते ही आईजी लोक नाथ आंगरा, डीआईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह, पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह औलख समेत विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

सरबत खासला में मौजूद लोग।

शहर पुलिस छावनी में तबदील हो गया था । चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात थे। बार्डर रेंज के जिलों के अलावा पीएपी, आईआरबी, एआरपी और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं। गांव चब्बा में डीआइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह और एसएसपी अमृतसर देहाती जसदीप सिंह पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।

पुलिस ने यह तैयारी कर रखी थी कि यदि संगत सरबत खालसा के बाद श्री हरिमंदिर साहिब की ओर कूच करती है तो उन्हें रोका जाए। इसके लिए तीन जगहों पर पुख्ता नाका बनाया गया।

सरबत खालसा में भाग लेने अाते लोग।

यहां से करीबन आधा किलोमीटर दूर डेरा बाबा भूरी वाला के नजदीक भी इसी तरह बड़ा नाका बनाया गया था। चाटीविंड चौक पर भी बड़ा नाका बनाया गया था।

सरबत खालसा मे भाग लेने जाने के लिए तरनतारन में जुटे लोग।


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