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अवैध कार पार्किंग पर मेयर का छापा

अमृतसर : मेयर करमजीत ¨सह ¨रटू ने पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के समय से शहर में चल रही अवैध पार्किंग स्थलों की जांच करवाने की घोषणा की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 01:43 AM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 01:43 AM (IST)
अवैध कार पार्किंग पर मेयर का छापा
अवैध कार पार्किंग पर मेयर का छापा

संवाद सहयोगी, अमृतसर

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मेयर करमजीत ¨सह ¨रटू ने पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के समय से शहर में चल रही अवैध पार्किंग स्थलों की जांच करवाने की घोषणा की है। मेयर ने इंद्रपुरी पैलेस से सटे हुसैनपुरा फ्लाईओवर पुल के नीचे चल रही अवैध कार पार्किंग पर वीरवार की शाम करीब सात बजे छापेमारी की। पार्किंग को सील कर रसीद बुक व अन्य दस्तावेज भी

अपने कब्जे में ले लिए।

छापे से मचे हड़कंप के बीच पार्किंग चला रहे कर्मचारी राकेश भंडारी ने बताया कि यहां 65 कारें पार्क होती हैं। प्रति कार प्रतिमाह 300 रुपए वसूल किए जाते हैं। भंडारी ने कहा कि पिछले पांच सालों से यह पार्किंग चल रही है। पूर्व भाजपा मंत्री एवं भाजपा के ही एक काउंसलर की शह पर तीन मालिक मिल कर इसे चला रहे हैं।

पुलिस को दिए बयान में भंडारी ने बताया कि उसे 6500 रुपए मासिक वेतन मिलता है। उसने बताया कि मालिकों के नाम तो जेएस मान, डॉ. तलवाड़ और गोपी हैं। मेयर के साथ सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी और डिप्टी मेयर यूनस कुमार भी मौजूद

थे। मेयर ¨रटू ने कहा कि इस मामले में भी भाजपा नेताओं की मिलीभगत की जांच करवाई जाएगी। उन्होंने माना कि इसमें लैंड एवं एस्टेट अफसरों की

भूमिका की भी जांच करवाई जाएगी।

हर साल निगम को लग रहा 2.34 लाख के राजस्व का चूना

पार्किंग के तहत प्रत्येक माह 300 रुपए वसूले जा रहे थे, यहां कुल 65

कारें लगी थी। इस हिसाब से प्रति साल 2.34 लाख से अधिक का निगम को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा था। पांच साल से यह काम जारी था यानि अब तक करीब 12 लाख रुपए की चपत निगम को लग चुकी है। किसी को नहीं दिया है ठेका

मेयर ¨रटू ने कहा कि निगम ने

उक्त पार्किंग का ठेका किसी को भी नहीं दिया है, जिन मालिकों के नाम

भंडारी ने लिए हैं, उनके बयानों के आधार पर मालिकों की नेताओं के साथ

भूमिका की भी जांच होगी।

34 लाख से गिरकर 17 लाख तक पहुंची बोली

मेयर ने कहा कि नगर निगम को अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान हुए घोटालों का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। यही कारण है कि किसी समय 34-34 लाख रुपए के हासिल हुए रेवेन्यू के एवज में अब दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग के ठेके से केवल 17 लाख रुपए हासिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा

गठबंधन सरकार की मिलीभगत का ही नतीजा है कि घाटे के कगार पर खडे़ निगम को अब पटरी पर लाया जा रहा है। उन्होंने इंद्र पैलेस ब्रिज के नीचे बन रहे होटल का भी दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों सुशांत भाटिया व अन्योंको इसकी जांच के आदेश भी दिए । उन्होंने हुसैनपुरा जल घर का भी दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से अनियमितताओं को तुरंत दूर करने की हिदायत भी दी। उन्होंने कहा कि अभी कई अवैध पार्किंग शहर में चल रही हैं, जिनकी जल्द जांच होगी।


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