अध्यापकों की रेशनेलाइजेशन पर भड़की डीटीएफ
बीते दिनों शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई प्राइमरी अध्यापकों की रेशनेलाइजेशन पॉलिसी में कई त्रुटियों का नोटिस डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने लिया है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : बीते दिनों शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गई प्राइमरी अध्यापकों की रेशनेलाइजेशन पॉलिसी में कई त्रुटियों का नोटिस डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट ने लिया है। रेशनेलाइजेशन के नाम पर अध्यापकों को परेशान करने की शिक्षा विभाग की नीति के खिलाफ डीटीएफ भड़क गई है। डीटीएफ के जिला प्रधान अश्वनी अवस्थी व जिला महासचिव लखविदर गिल ने कहा कि पंजाब सरकार से इस नीति में जरूरी संशोधन की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत हेड टीचर की पोस्ट के लिए कम से कम 51 विद्यार्थियों की शर्त रखी गई है, जोकि सही नहीं है। हर स्कूल के प्रबंध को चलाने के लिए हेड टीचर का होना जरूरी है। इसलिए हर स्कूल में हेड टीचर की पोस्ट जरूर होनी चाहिए। इसी तरह प्री-प्राइमरी के विद्यार्थियों की गिनती को स्कूल के विद्यार्थियों की गिनती में शामिल करके ही आसामी दी जानी चाहिए। इन सभी बातों को नजरअंदाज करके शिक्षा विभाग ने ई-पंजाब पर अध्यापकों को सरप्लस करके एक अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया है। शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए हर कक्षा के लिए कम से कम एक अध्यापक जरूर दिया जाना चाहिए। शिक्षा प्रोवाइडर, ईजीएस, एआईई वालंटियर अध्यापकों को मिलने वाली नाममात्र तनख्वाह को ध्यान में रखते हुए इनको दस किलोमीटर के घेरे में ही एडजस्ट किया जाए। इस अवसर पर जरमनजीत सिंह, गुरदेव सिंह बासरके, चरणजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, डा. गुरदियाल सिंह, दिलबाग सिंह, प्रगट सिंह, हरजाप सिंह, गुरविदर सिंह, निर्मल सिंह, सुखजिदर सिंह रइया, राजेश कुमार, कुलविदर कुमार, विपिन रिखी, सुखवंदर सिंह, विशाल कुमार आदि मौजूद थे। डीटीएफ करेगी आंदोलन
डीटीएफ अपनी मांगों को मनवाने के लिए 18 से 24 नवंबर तक तहसील स्तर एक्शन करेगी। पहली दिसंबर को संगरूर में शिक्षा मंत्री की रिहायश की ओर किए जाने वाले मार्च में बड़ी गिनती में अध्यापक शिरकत करके सरकार की शिक्षा विरोधी व जनविरोधी नीतियों का विरोध करेंगे।