अमृतसर में कोरोना पॉजीटिव मृतकों के शवों की अदला-बदली, चार कर्मियों के निलंबन की सिफारिश
Exchange of dead bodies पंजाब के अमृतसर स्थित जीएनडीएच अस्पताल में कोरोना पॉजीटिव मरीजों के शवों की अदला-बदली हो गई। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
जेएनएन, अमृतसर। गुरुनानक देव अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मृतकों के शवों की अदला-बदली के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जहां डीसी शिव दुलार सिंह ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैैं, वहीं इस घटना के कारण हुई किरकिरी के चलते अस्पताल प्रशासन ने प्रारंभिक जांच के बाद दो स्टाफ नर्सों और दो दर्जा चार कर्मचारियों के निलंबन की सिफारिश कर दी है। इसे लेकर मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग को पत्र लिख दिया गया है।
निलंबन के लिए पत्र लिखे जाने के बाद अस्पताल का स्टाफ भड़क गया है। स्टाफ सदस्यों का कहना है कि जानबूझकर छोटे कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है। कर्मचारी नेता नरिंदर कुमार ने कहा कि बॉडी को हैंडओवर करना डॉक्टर का काम है। डॉक्टर ने मरीज की राहदारी लिखकर दी थी। पूरी जिम्मेवारी डॉक्टर की है। अगर कर्मचारियों को निलंबित किया गया तो अमृतसर और पटियाला के मेडिकल कालेजों में हड़ताल की जाएगी।
सामने आई अस्पताल प्रशासन की एक और लापरवाही
होशियारपुर से अमृतसर लाए गए मृतका के शव की पहचान प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में करवाई गई। इस दौरान डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों ने पीपीई किट पहन रखी थीं मृतका के परिजनों को किट नहीं दी गई। मृतका के भाई विकास ने रोष जताया तो सभी को किट्स दीं। उसने आरोप लगाया कि उसकी बहन के शव को एंबुलेंस में सीट के नीचे स्टाफ के पैरों में रख कर लाया गया। शव की हालत भी खराब हो चुकी थी। बाद में शहीदां साहिब स्थित श्मशानघाट में अंतिम संस्कार किया गया।
मृतका की एक अंगूठी और एक टॉपस गायब
मृतका के पिता दविंदर हीरा ने कहा कि अस्पताल में उपचाराधीन एक रिश्तेदार ने उन्हें बेटी की मौत की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में मौजूद अपने दामाद को फोन किया। वह आइसोलेशन वॉर्ड में गया तो स्टाफ ने एक टॉपस और एक अंगूठी पकड़ा दी। मृतका के भाई विकास के अनुसार उसकी बहन की एक अंगूठी और एक टॉपस गायब है। आइसोलेशन वॉर्ड के स्टाफ ने जानकारी होने से इन्कार किया। थाने जाने पर पुलिस ने शिकायत तक नहीं लिखी।
हिंदू रीति-रिवाज से हुआ प्रीतम सिंह का अंतिम संस्कार
मृतका के पिता दविंदर हीरा ने कहा कि शनिवार को वह अधिकारियों मिन्नतें करते रहे कि उन्हें एक बार चेहरा देख लेने दें, लेकिन अधिकारी नहीं माने। अपनी बेटी समझकर हमने 92 वर्षीय बुजुर्ग प्रीतम सिंह का हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया।
अस्थियां लेने नहीं आए परिजन, बोले शव प्रीतम सिंह का नहीं
प्रीतम सिंह का संस्कार हो जाने के बाद उसके परिजन अस्थियां लेने अमृतसर नहीं आए। मृतका के भाई विकास ने कहा कि उसने प्रीतम सिंह के परिजनों से बात की थी, परंतु वह मानने को तैयार नहीं कि जिस शव का अंतिम संस्कार अमृतसर में किया गया वह प्रीतम सिंह का है। विकास के अनुसार वह मुझसे पूछ रहे थे कि क्या आपने शव को देखा है? जब मैैंने चेहरा न देखने की बात कही तो वह बोले कि हम कैसे मान लें कि वह शव प्रीतम सिंह का था।
यह है मामला
शुक्रवार को जिला होशियारपुर के बुजुर्ग प्रीतम सिंह और अमृतसर की महिला की कोरोना के कारण मौत हो गई थी। दोनों के शव पर गलत टैग लगे होने के कारण बदल गए। मामला तब सामने आया जब होशियारपुर के गांव टांडा राम सहाय में शव के चेहरे से कपड़ा हटाया गया। परिजनों को अपने बुजुर्ग प्रीतम सिंह की जगह महिला का शव मिला था।
क्या कहते हैं अफसर
घटना के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कर्मचारियों को निलंबित करने के लिए लिखा गया है। एक अलग कमेटी की जांच जारी है जो दो दिन में रिपोर्ट देगी। - डॉ. रमन शर्मा, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जीएनडीएच।
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मोर्चरी में शव ले जाने से पहले टैग लगाने में दर्जा चार कर्मचारी की गलती से यह विवाद खड़ा हुआ है। जांच अभी जारी है। - डॉ. राजीव देवगण, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज जीएनडीएच।