डीसीपी जगमोहन ने संयम व दृढ़ता से कोरोना को हराकर फिर की ड्यूटी ज्वाइन
। अपनी ड्यूटी का पालन करते हुए जहां कई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हो गए वहीं पुलिस विभाग के जाबांज अधिकारी व कर्मचारी इस वायरस की चपेट में आ गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
अपनी ड्यूटी का पालन करते हुए जहां कई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हो गए, वहीं पुलिस विभाग के जाबांज अधिकारी व कर्मचारी इस वायरस की चपेट में आ गए। डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर जगमोहन सिंह ने कानून व्यवस्था बरकरार रखने के साथ-साथ कोरोना वायरस से लोगों को बचाने के लिए पूरी शिद्दत से काम किया। 26 जुलाई को उन्हें बुखार हुआ तो टेस्ट करवाया। 28 जुलाई को रिपोर्ट आई, जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव थे।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी होने के नाते वह शहर के बड़े प्राइवेट अस्पताल में उपचार करवा सकते थे, पर वे आम नागरिकों की भांति गुरु नानक देव अस्पताल में उपचाराधीन हो गए। तीन दिन बाद ही उन्होंने महसूस किया कि अब वे कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने डॉक्टर को इस बारे में बताया। डॉक्टर ने जांच की और कहा कि नियमानुसार उन्हें अभी खुद को होम क्वारंटाइन करना होगा। डॉक्टर की सलाह से डीसीपी जगमोहन सिंह ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया। क्वारंटाइन काल में उन्होंने डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहकर ट्रीटमेंट लिया। दवा के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा ने उन्हें मजबूत बनाए रखा।
डीसीपी के अनुसार कोविड ड्यूटी के दौरान वह कोरोना संक्रमित हुए थे, लेकिन सकारात्मक रूप से इस वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जीत दर्ज की। इम्युनिटी मजबूत रखने के लिए योग का सहारा लिया। प्रोटीन युक्त आहार का सेवन लगातार करता रहे। हरी सब्जियां, दूध, दही, पनीर, फल व तरल पदार्थों का भी सेवन किया। कोरोना संक्रमित होने के बावजूद मोबाइल पर विभागीय अधिकारियों एवं मुलाजिमों के संपर्क में रहेा। 17 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा करने के बाद पुन: ड्यूटी ज्वाइन की और कोरोना के खिलाफ जंग में फिर से डट गए।
जगमोहन सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस से सरकार लड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, जिला प्रशासन या यूं कहिए सभी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस वायरस के खिलाफ डटे हुए हैं। अफसोस इस बात का है कि लोग मास्क पहनने से गुरेज कर रहे हैं। हम उन्हें प्यार से समझाते हैं, जुर्माना भी किया जाता है। इसके बावजूद लोग इस वायरस के प्रसार करने में सहायक साबित हो रहे हैं, यह गलत है। कोरोना को तब तक खत्म नहीं किया जा सकता, जब तक लोग गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे। नितिन धीमान