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डीएवी इंटरनेशनल स्कूल में करवाया सांस्कृतिक कार्यक्रम

डीएवी इंटरनेशनल स्कूल में वार्षिकोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। कार्यक्रम में एलकेजी विद्यार्थियों द्वारा भारतीय समाज में बदलाव की झांकी पेश की गई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 12:29 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 12:29 AM (IST)
डीएवी इंटरनेशनल स्कूल में करवाया सांस्कृतिक कार्यक्रम
डीएवी इंटरनेशनल स्कूल में करवाया सांस्कृतिक कार्यक्रम

भारतीय संस्कृति व सभ्यता को हमें बनाए रखना चाहिए: दिलबाग ¨सह

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फोटो: 4 व 5

संवाद सहयोगी, अमृतसर

डीएवी इंटरनेशनल स्कूल में वार्षिकोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। कार्यक्रम में एलकेजी विद्यार्थियों द्वारा भारतीय समाज में बदलाव की झांकी पेश की गई। इस अवसर पर एडीसीपी ट्रैफिक दिलबाग ¨सह व आइपीएस डॉ. मेहताब ¨सह मुख्य मेहमान रहे। चेयरमैन डॉ. वीपी लखनपाल, मैनेजर डॉ. राजेश कुमार, डीएवी प्रबंधकीय समिति के सदस्य सतनाम ¨सह, हीरा लाल कंधारी व राकेश मेहरा विशेष तौर पर शामिल हुए। ¨प्रसिपल डॉ. अंजना गुप्ता ने अतिथिगणों का स्वागत करते हुए कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम कल आज और कल के माध्यम से विद्यार्थियों ने नृत्य व अभिनय कला द्वारा बताया कि पहले भारतीय समाज में शिक्षा केवल उच्च वर्ग के लिए ही थी, परंतु अब सभी को शिक्षा का अधिकार है, जिसका सदुपयोग करना चाहिए। संचार के माध्यम इतने विकसित नही थे परंतु संयुक्त परिवारों के कारण उनमें जीवन मूल्यों का विकास स्वयं ही हो जाता था। तकनीकी विकास के कारण संयुक्त परिवार एकल परिवारों में तबदील हो गए हैं। पहले बच्चे खेलों में कुछ सीखते थे, लेकिन अब खेलों की जगह मोबाइल फोन ने ले ली है, जिससे वह गलत गतिविधियों की तरफ अग्रसर हो गए है। इससे उनके मानसिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हम अपने आने वाले कल को कैसे बेहतर बना सकते हैं। यदि हमने विकास करना है तो अपने संस्कारों, अपनी धरोहर और वेदों से जुड़ना होगा। मुख्यातिथि दिलबाग ¨सह ने विद्यार्थियों की इस प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने अपने अभिनय कौशल के माध्यम से सभी को जागरूक किया। हमारी संस्कृति महान है, जिसे विदेशी अपना रहे हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य बनता है कि हम भारतीय भारत की आन, बान और शान बनाए रखें। चेयरमैन डॉ. वीपी लखनपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता से ही हमारी पहचान है। इससे जुड़े रहने पर ही हम सच्चे शब्दों में भारतीय कहलाएंगे। स्कूल प्रबंधकों द्वारा मुख्यअतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


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