Move to Jagran APP

प्रापर्टी टैक्स वसूलने में फिसड्डी रहा निगम, अब अधिकारियों की लगेगी क्लास

गर निगम ने इस वित्तीय वर्ष में अपने कमाऊ विभाग हाउस व प्रापर्टी टैक्स विभाग का बजट में निर्धारित लक्ष्य 42.50 करोड़ रुपये रखा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 08:00 AM (IST)
प्रापर्टी टैक्स वसूलने में फिसड्डी रहा निगम, अब अधिकारियों की लगेगी क्लास
प्रापर्टी टैक्स वसूलने में फिसड्डी रहा निगम, अब अधिकारियों की लगेगी क्लास

जासं, अमृतसर: नगर निगम ने इस वित्तीय वर्ष में अपने कमाऊ विभाग हाउस व प्रापर्टी टैक्स विभाग का बजट में निर्धारित लक्ष्य 42.50 करोड़ रुपये रखा है। सीवरेज वाटर सप्लाई बिल का बजट में निर्धारित लक्ष्य 35 करोड़ रुपये है जबकि इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से अब तक प्रापर्टी टैक्स विभाग मात्र 1.51 करोड़ रुपये तथा सीवरेज वाटर सप्लाई विभाग 1.91 करोड़ रुपये एकत्रित कर पाया है। इसे गंभीरता से लेते हुए नगर निगम कमिश्नर कोमल मित्तल ने 15 जून को एडिशनल कमिश्नर संदीप रिषी तथा समूह जोनल सुपरिंटेंडेंटो की रिव्यू मीटिग बुलाई है। दोनों विभागों का टैक्स कम आना तथा सबसे महत्वपूर्ण कुछ बड़ी कामर्शियल इमारतों का प्रापर्टी टैक्स को लेकर स्क्रूटनी के माध्यम से लाखों रुपये कम टैक्स आने की रिपोर्ट जोनल सुपरिंटेंडेंटो को देने के बावजूद कोई कार्रवाई ना होने पर जवाबदेही तथा अधिकारियों की क्लास भी लगेगी। सीवर वाटर सप्लाई बिल भी लोगों तक पूरी तरह नहीं बांटे जा सके। बड़ी इमारतों का प्रापर्टी टैक्स को लेकर स्क्रूटनी होने पर संबंधित कुछ ही पार्टी को नोटिस जाने पर वह लोग दबी जुबान से कुछ लोगों पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप जड़ रहे हैं। जब उनसे इस संबंधी एफिडेविट मांगा गया, तब उनके द्वारा कहा गया कि सोच विचार करके हल्फिया बयान ( एफिडेविट) देंगे। पहले उन लोगों को दी गई अपनी कथित रिश्वत राशि तो वापस मांगेंगे। किस की मिलीभगत से बहुत कम टैक्स भरा गया:

loksabha election banner

शहर में हजारों की संख्या में रंजीत एवेन्यू, जीटी रोड, लारेंस रोड, बटाला रोड, माल रोड, कबीर पार्क, मजीठा रोड आउटर सर्कुलर रोड तथा अन्य क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी कमर्शियल बिल्डिग तथा एससीओ शामिल हैं, जो प्रापर्टी टैक्स अदा करते हैं। मार्च 2021 से पहले एडिशनल कमिश्नर के निर्देश पर जोनल सुपरिंटेंडेंट द्वारा कुछ बिल्डिंगों की प्रापर्टी टैक्स को लेकर स्क्रूटनी की गई थी। उसमें भी कम प्रापर्टी टैक्स पाया गया था। इसके उपरांत 12 मार्च 2021 को सेक्रेटरी सुशांत भाटिया को प्रापर्टी टैक्स भरने वाले अदारो की स्क्रूटनी करने की आदेश जारी किए गए थे। सुशांत की ओर से लगभग 15 से अधिक बड़ी कामर्शियल इमारतों की फिजिकल वेरीफिकेशन की गई। इसमें भरा गया प्रापर्टी टैक्स बहुत ही कम पाया गया। इनमें एक एक कामर्शियल बिल्डिंग का लाखों रुपये प्रापर्टी टैक्स कम आया है। अगर पिछले 8 वर्षो का प्रॉपर्टी टैक्स जोड़ा जाए तो करोड़ों रुपये बन जाते हैं। इन सभी कामर्शियल बिल्डिंग की कम टैक्स पाए जाने वाली स्क्रूटनी रिपोर्ट सेक्रेटरी सुशांत भाटिया ने नगर निगम कमिश्नर को भेज दी हुई है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि बड़ी-बड़ी कामर्शियल इमारतों के प्रापर्टी टैक्स किसकी मिलीभगत से बहुत कम भरे गए हैं। सुपरिटेंडेंट स्क्रूटनी केसों की रिपोर्ट लेकर आए : संदीप रिषी

नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर संदीप रिषी ने जोनल सुपरिंटेंडेंट को कहा है कि सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों की स्क्रूटनी के केसों की रिपोर्ट की लिस्टें तैयार कर मीटिग में पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि मीटिग से पहले लिस्ट की एक कापी उनको भी अवश्य भेजी जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.