कोरोना योद्धाओं को आज मिलेगा सेवा का सम्मान
कोरोना काल में जनता की सेवा करने वाले शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाना है। आखिर उन्हें इंसानियत के लिए की गई इस सेवा का फल मिलने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना काल में जनता की सेवा करने वाले शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों को 26 जनवरी को सम्मानित किया जाना है। आखिर उन्हें इंसानियत के लिए की गई इस सेवा का फल मिलने जा रहा है। पंजाब सरकार की ओर से इस संबंधी सूची जारी करने के बाद उनके परिवारों में खुशी की लहर है।
इंस्पेक्टर संजीव कुमार: तस्कर पकड़े, रिक्शा चलाकर लोगों तक राशन पहुंचाया
इंस्पेक्टर संजीव कुमार इस समय वल्ला थाने में तैनात हैं और वह अपने कार्यकाल के दौरान कई तस्करों को काबू कर चुके हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले कुख्यात गैंगस्टर सन्नी यामा को भी पिस्तौल और कारतूस सहित काबू किया था। कोरोना काल के दौरान संजीव कोट खालसा में बतौर इंचार्ज तैनात थे। उन्होंने खुद रिक्शा चलाकर इलाके की तंग गलियों में जरूरतमंद लोगों को राशन सप्लाई किया था। उनकी देशभक्ति को देखते हुए सरकार ने उन्हें सम्मानित किया है। संजीव कुमार ने बताया कि इससे पहले साल 2013 में राष्ट्रीय मेडल, डीजीपी मेड, कोरोना काल में सीएम की तरफ से प्रशस्ति पत्र और डिस्क से सम्मानित किया जा चुका है।
हेड कांस्टेबल सुखजिदर कौर : क्वार्टर को पचास दिन के लिए बना दिया था लंगर भवन
हेड कांस्टेबल सुखजिदर कौर ने कोरोना काल में अपने पुलिस लाइन के क्वार्टर को लंगर हाल में बदल दिया था। उन्हीं के घर से शहर के कई हिस्सों में बैठे जरूरतमंदों को खाना बांटा जा रहा था। उनकी देशभक्ति को देखते हुए बाद में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुलाजिम उनकी उक्त मुहिम में जुड़े थे। हेड कांस्टेबल सुखजिदर कौर के घर से पचास दिन तक लंगर व्यवस्था जारी रही थी। सरकारी ही नहीं बल्कि निजी वाहनों में भी खाना भरकर शहर में सप्लाई किया गया था।
डा. केडी सिंह: वायरस को एक्सपोज करने में अहम योगदान रहा
कोरोना वायरस को एक्सपोज करने में डा. केडी सिंह का उल्लेखनीय योगदान रहा। डा. केडी सिंह मेडिकल कालेज में स्थित वायरल रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब के प्रभारी हैं। पिछले दस माह में उनके कुशल नेतृत्व में 11 लाख सैंपलों की जांच की गई। बिना रुके इस लैब में चौबीस घंटे स्टाफ ने काम किया। यहां तक कि लैब का स्टाफ भी पाजिटिव आया, पर डा. केडी ने खुद को क्वारंटाइन नहीं किया। वह निरंतर सैंपलों की जांच करते रहे। डा. केडी के अनुसार यह सम्मान उनके लिए गौरव की बात है।
प्रोफेसर डा. वीणा चतरथ : मरीजों की सेवा तनदेही से की
गुरु नानक देव अस्पताल स्थित एनेस्थीसिया विभाग की प्रोफेसर डा. वीणा चतरथ ने कोरोना मरीजों के जीवन रक्षण में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। आइसीयू विभाग उनके कुशल निर्देशन में संचालित किया गया। वे कोरोना मरीज जिन्हें किडनी, लीवर, हाइपरटेंशन, शुगर व हृदय संबंधी रोग थे उनकी केयर डा. वीणा चतरथ ने की। वह हर वक्त संक्रमण के इर्द-गिर्द रहकर मरीजों की सेवा करती रहीं।
डा. अवतार सिंह धंजू : संक्रमितों का बेहतरी से उपचार किया
गुरुनानक देव अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के इंचार्ज डा. अवतार सिंह धंजू का नाम भी स्टेट अवार्ड के लिए नामित हुआ है। डा. धंजू ने अस्पताल में स्थापित 11 आइसोलेशन वार्डों में उपचाराधीन मरीजों की तीमारदारी की। वह मेडिसिन विभाग के एसोसिएट्स प्रोफेसर हैं। जून व जुलाई में जब कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ा, तब भी डा. धंजू ने अपनी टीम के साथ एक-एक मरीज के ट्रीटमेंट पर नजर रखी।
तहसील ड्राइवर तरजीत सिंह : ड्यूटी के साथ लोगों की सेवा भी की
तरजीत सिंह 1998 में बतौर तहसील में बतौर ड्राइवर भर्ती हुए थे। अपनी नौकरी के साथ-साथ समाज सेवा के काम करने में वह कभी पीछे नहीं हटे। कहीं पर आई बाढ़ के समय लोगों की मदद करने की हो, कोविड-19 के दौरान जरूरतमंद लोगों तक राशन पहुंचाने की हो या फिर कोविड-19 के कारण मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार करवाने की सेवा रही हो। हर मुश्किल समय में तरजीत सिंह अपनी डयूटी करते हुए समाज सेवा के काम में तत्पर रहे है। कोविड-19 में के कारण मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार करने की टीम का हिस्सा बने रहे।