संकट में नि:स्वार्थ भाव से सेवा कर कहलवाई कोरोना वारियर्स
हेड कांस्टेबल सुखविदर कौर ने कोविड काल में अपने सरकारी क्वार्टर से गरीबों के लिए लंगर की व्यवस्था की।
जासं, अमृतसर :हेड कांस्टेबल सुखविदर कौर ने कोविड काल में अपने सरकारी क्वार्टर से गरीबों के लिए लंगर की व्यवस्था की। सुखविदर कौर बताती हैं कि कर्फ्यू के पहले दिन उन्हें आभास हुआ कि जिन परिवारों के पास पैसे नहीं हैं, वह कैसे अपना पेट भर सकेंगे। इसके बाद उन्होंने पहले दिन अपने घर में लंगर बनाकर भूखे लोगों को खिलाया। बस फिर लंगर का कारवां इस कदर बढ़ता गया कि देखते ही देखते उनके क्वार्टर में पचास से ज्यादा उनके साथी मुलाजिम लंगर बनाने में जुट गए। यही नहीं ट्रैफिक पुलिस की गाड़ियों के साथ-साथ निजी वाहन भी उनके घर से लंगर एकत्रित करके जरूरतमंद परिवारों को बांटने जाते थे। मदद के लिए आगे आई, महिलाओं को किया प्रेरित कोविड के दौरान जहां एक तरफ हर कोई घर के अंदर बंद था। लोग वायरस से पूरी तरह से डरे हुए थे। वहीं लोगों के लिए मास्क, सेनिटाइजर और खास कर महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकिन पहुंचाने में बैंक मैनेजर अंजू मल्होत्रा लगातार प्रयास करती रहीं। हाथ अच्छी तरह से सैनिटाइज करने और मास्क पहन कर रखने के लिए भी लगातार प्रेरित करती रही। अंजु ने महिलाओं को प्रेरित किया और लाकडाउन में करीब 10 हजार मास्क और पांच हजार सैनिटाइजर वितरित किए। इसके अलावा करीब पांच हजार सेनेटरी नैपकिन भी बांटे। इस सारे सामान पर जो खर्च आया, वह उन्होंने अपने वेतन से दिया।
आमजन तक पहुंचाया भोजन
कोरोना काल में कामकाज ठप हो गए थे। यहां तक कि बहुत सारे लोगों को रोजी-रोटी के भी लाले पड़ गए थे। ऐसे में आमजन तक खाना पहुंचाने के लिए सामाज सेवी संस्थाए लगातार प्रयास करती रही। उन्हीं में से एक जन कल्याण वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष गरिमा सेठ की ओर से रोजाना 300 लोगों का खाना तैयार करवाया जाता और जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता। खाने के साथ ही करीब 1000 लोगों को राशन किट भी वितरित करवाई। गरिमा ने बताया कि उनके सर्कल की कुछ महिलाओं ने मिलकर यह बीड़ा उठाया था और अच्छे से काम करती रही। जरूरतमंदों की सेवा को समर्पित कोरोना काल में अध्ययन फाउंडेशन की प्रधान भूपिदर कौर ने जरूरतमंदों की मदद में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए बीस हजार से अधिक मास्क बांटे। कोरोना में बेरोजगार हो चुके लोगों की रोटी-पानी की जरूरत पूरी की। हजारों लोगों में लंगर वितरित किया। अध्ययन फाउंडेशन के जरिये उनके पास 15 महिलाओं की एक टीम के साथ निशुल्क काम किया। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए शहर में उनकी संस्था के तीन सिलाई सेंटर है जो महिलाओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे है। भूपिदर कौर ने बताया कि समाज सेवा के लिए उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा नामधारी संप्रदाय के मुखी ठाकुर दलीप सिंह जी है। सुबह शाम रोटी का प्रबंध किया
पब्लिक जागृति मिशन स्वयंसेवी संगठन की ओर से संगठन की अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाशदीप कौर के नेतृत्व में कोविड काल के दौरान छह माह तक हर रोज अमृतसर के आसपास गांवों के जरूरतमंदों के लिए सुबह और शाम राशन का प्रबंध करके दिया गया। तीन वाहनों पर गांवों में उन परिवारों तक राशन पहुंचाया जाता रहा जिन परिवार के सदस्य लाक डाउन के दौरान दिहाड़ी नहीं कर पाए थे। जो महिलाएं घरों में घरेलू कामकाजी महिलाओं के रूप में काम करती थी उनका भी काम कुछ माह के कारण बंद हो गया था। उनकों भी राशन और कपड़े आदि का प्रबंध करके दिया गया। शाइनिग स्टार बनी मददगार
शाईनिग स्टार कल्चर व वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष सीमा शर्मा की ओर से भी संगठन के कार्यकर्ताओं के सहयोग से शहर के अलग अलग स्लम इलाकों बंगला बस्ती , इंद्राकालोनी , कोट खालसा आदि छेटरटा और मजीठा रोड़ आदि क्षेत्रों में रोजाना रेहड़ी लगा कर रोजी रोटी कमाने वाले, जिनका काम कोविड लाकडाउन के दौरान बंद हो गया था उनके परिवारों तक चार माह तक हर माह सूखा राशन पहुंचाया जाता रहा। हैंड सेनिटाइजर, कपड़े के हैंडमेड मास्क और साबुन भी लोगों को लगातार बांटे गए। संगठन ने 23 बुजुर्ग जरूरतमंदों को हर रोज दो समय के लिए पका हुआ राशन भी उपलब्ध करवाया।