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कोरोना सैंपलिग में धांधली मामले में अस्पताल प्रशासन ने खुद को दी क्लीन चिट

सिविल अस्पताल अजनाला में कोरोना सैंपलिग में धांधली में अस्पताल प्रशासन ने अपना बचाव किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 07:06 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 07:06 PM (IST)
कोरोना सैंपलिग में धांधली मामले में अस्पताल प्रशासन ने खुद को दी क्लीन चिट
कोरोना सैंपलिग में धांधली मामले में अस्पताल प्रशासन ने खुद को दी क्लीन चिट

जागरण संवाददाता, अमृतसर : सिविल अस्पताल अजनाला में कोरोना सैंपलिग में धांधली में अस्पताल प्रशासन ने अपना बचाव किया है। एसएमओ डा. ओमप्रकाश द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में दर्ज है कि सैंपल नियमानुसार ही भेजे गए थे। हो सकता है कि इनकी ट्रांसपोटेशन यानी लैब तक पहुंचाते वक्त ये खराब हो गए हों। सैंपल लेने व पैकिग करने में कहीं कोई गलती नहीं हुई। एसएमओ ने यह रिपोर्ट सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह को सुपुर्द की है।

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दरअसल 29 अगस्त को सिविल अस्पताल अजनाला के लैब टेक्निशियन ने 92 लोगों के सैंपल लिए थे। इन सैंपलों को जांच के लिए मेडिकल कालेज स्थित इंफ्लुएंजा लैब में भेजा गया। जांच में 87 सैंपलों में आरएनए एक्ट्रेशन नहीं मिला। इसका अर्थ यह था कि वीटीएम वायल में सैंपल थे ही नहीं या फिर इन्हें सही तरीके से भरा नहीं गया। लिहाजा लैब में रिपोर्ट नहीं आई। लैब में इन 87 सैंपलों की रिपोर्ट के मालिक में इंप्रोपराइटी भरा गया। उस वक्त एसएमओ डा. ओमप्रकाश ने तर्क दिया था कि सरकार के कोविन पोर्टल में तकनीकी खामी होने की वजह से इंप्रोपराइटी दर्ज किया गया है।

दैनिक जागरण ने इस धांधली को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। एसएमओ डा. ओमप्रकाश ने अपने स्तर पर जांच कमेटी बनाकर जांच रिपोर्ट देने की बात कही थी। अब जांच रिपोर्ट उन्होंने सहायक सिविल सर्जन को सौंपी है। सवाल यह है कि क्या एसएमओ की रिपोर्ट काफी है? एक एसएमओ अपने अस्पताल के लैब टेक्निशियन के खिलाफ रिपोर्ट तैयार क्यों करेगा? यदि ऐसा करे भी तो उसकी अपनी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। यह जांच रिपोर्ट सवालों के घेरे में है।

सैंपलिंग में गलती होने से किया इन्कार

सहायक सिविल सर्जन डा. अमरजीत सिंह का कहना है कि जांच रिपोर्ट उन्हें मिली है। इसमें यह भी दर्ज है कि अगले ही दिन 58 लोगों के पुन: रैपिड कार्ड टेस्ट किए गए थे, जिसमें सभी नेगेटिव पाए गए। एसएमओ ने सैंपलिग में किसी प्रकार की गलती होने से इंकार किया है। उन्होंने अपने स्तर पर इंफ्लुएंजा लैब के प्रभारी डा. केडी सिंह से भी बात की है। उन्होंने भी इस पर सहमति व्यक्त की है।

टारगेट के नाम पर खिलवाड़!

स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के हर सैंपल कलेक्शन सेंटर का लक्ष्य निर्धारित किया है। अजनाला सिविल अस्पताल का प्रतिदिन का टारगेट 150 सैंपल का है। टारगेट पूरा करने के लिए सैंपलों में धांधली की गई थी। इससे सैंपल टेस्ट करने वाले इंफ्लूएंजा लैब के स्टाफ का समय बर्बाद होता रहा, वहीं आरटीपीसीआर मशीन पर लोड बढ़ा।


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