ठेका मुलाजिमों ने मंत्रियों के घर छोड़े बच्चे, बोले- इतने कम वेतन में नहीं पाल सकते
ठेका मुलाजिमों ने कहा कि उन्हें कम वेतन मिल रहा है, इसलिए वे बच्चे नहीं पाल सकते। यह कहते हुए उन्होंने अपने बच्चे मंत्री सोनी व सिंगला के आवास पर छोड़ दिए।
जेएनएन, अमृतसर/संगरूर। ठेका मुलाजिम एक्शन कमेटी पंजाब के आह्वान पर संगरूर व अमृतसर में ठेका मुलाजिमों ने अपने बच्चे मंत्री ओम प्रकाश सोनी व विजयइंद्र सिंगला के घर पर छोड़ दिए। अमृतसर में मुलाजिमों ने कहा कि मंत्री जी, अब आप ही हमारे बच्चों का पालन पोषण करें। हम इनका खर्च उठाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि वो सालों से अस्थायी नौकरी मामूली वेतन पर कर रहे हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना वादा पूरा नहीं किया।
अमृतसर में पुलिस ने सोनी आवास तक पहुंचने से पहले ही ठेका मुलाजिमों को बैरीकेड्स लगाकर रोक लिया। महिला व पुरुष कर्मी गोद में अपने बच्चों को उठा मंत्री की कोठी के पास पहुंचे थे। कुछ बच्चे दुधमुंहे तो कुछ वॉकर पर बैठे थे। ठेका मुलाजिम एक्शन कमेटी के नेताओं ने ने कहा कि सरकार 18 माह के शासनकाल में ही धक्केशाही करने लगी है। कोई भी मंत्री उनकी बात नहीं सुन रहा।
सोनी के निवास के बाहर पहुंचे ठेका मुलाजिमों के बच्चे।
उनका सवाल था कि जब एक लीडर विधायक बनने के बाद सारी जिंदगी पेंशन का हकदार बन जाता है, तो क्या वो सरकारी खजाने पर बोझ नहीं? जब दस से पंद्रह साल तक ठेके की नौकरी करने वाले मुलाजिमों की बात आती है तो सरकार खामोशी साध लेती है।
उधर, संगरूर में मंत्री विजयइंद्र सिंगला की कोठी के समक्ष मेन रोड पर पुलिस ने बैरियर लगाकर ठेका मुलाजिमों को रोक लिया। इसके बाद चार दर्जन बच्चों सहित ठेका मुलाजिमों ने वहीं धरना लगाया व फिर बच्चों के हाथों ङ्क्षसगला के निजी सहायक संदीप गर्ग को मांगपत्र सौंपा। चार अक्टूबर की बैठक तय करवाने का भरोसे के बाद ठेका मुलाजिमों ने प्रदर्शन समाप्त किया और बच्चों को वापस ले गए।
सिंगला के निवास के बाहर पहुंचे ठेका मुलाजिमों के बच्चे।
वेतन कम था तो फिर नौकरी क्यों ज्वाइन की : सोनी
अमृतसर में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे शिक्षा मंत्री ने कर्मचारियों से कहा कि वे बच्चों को यहां क्यों लाए हैं। आपकी मांगें जायज हैं। हम उस पर विचार कर रहे हैं। मैं जल्द ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से टाइम फिक्स करके आपको मिलवा दूंगा। हम कर्मचारियों के विषय में जल्द ही सकारात्मक फैसला लेंगे। शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बावजूद कर्मचारी अड़ गए कि उन्हें अभी सीएम से टाइम लेकर दें।
इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। सोनी ने कहा कि यदि आपका रवैया ऐसा ही रहा तो फिर मैं कुछ नहीं कर सकता। इसके बाद कर्मचारी यहां से हटे। सोनी ने कहा कि लीडरी करने वाले लोग ही छोटे बच्चों को धरना प्रदर्शन में ला रहे हैं। इन्हें और कोई काम नहीं। बच्चों का क्या कसूर है। इन कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है। यदि वेतन कम था तो फिर नौकरी ज्वाइन क्यों की। इनकी जो जायज मांगे हैं उन पर सरकार गौर कर रही है।
सिंगला के निवास के बाहर पहुंचे ठेका मुलाजिम व उनके बच्चे।
वित्त मंत्री के घर लंबी में प्रदर्शन की चेतावनी
संगरूर में मुलाजिमों ने कच्चे मुलाजिमों को तुरंत पक्का करने व रेगुलर पे स्केल प्रदान करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने एलान किया कि यदि सरकार ने अभी भी मुलाजिमों की मांगों को पूरा न किया तो 13 अक्टूबर को राज्यभर के मुलाजिम वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के घर लंबी में रोष प्रदर्शन करेंगे।