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कांग्रेसी प्रधानगी के ताज के लिए कांग्रेसियों में धमासान

जिला कांग्रेस कमेटी की प्रधानगी का मामला निपटता दिखाई नहीं दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 12:13 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 12:13 AM (IST)
कांग्रेसी प्रधानगी के ताज के लिए कांग्रेसियों में धमासान
कांग्रेसी प्रधानगी के ताज के लिए कांग्रेसियों में धमासान

विपिन कुमार राणा, अमृतसर : जिला कांग्रेस कमेटी की प्रधानगी का मामला निपटता दिखाई नहीं दे रहा है। 21 जनवरी से खाली पड़े हुए पद की वजह से कांग्रेस वर्करों में भी हताशा का आलम है। कोरोना महामारी की पूरी जंग कांग्रेसियों ने बिना किसी माई बाप यानी प्रधान के लड़ी। अब फिर से जिला प्रधानगी को लेकर छिड़ी चर्चा के बाद आधा दर्जन दावेदार फिर से मैदान में डट गए हैं। विधायकों से पहले ही इस बाबत फीडबैक कांग्रेस हाईकमान ले चुका है।

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प्रधानगी के ताज के लिए दावेदार अपने सियासी आकाओं की शरण में है और चंडीगढ़, पटियाला और दिल्ली तक वह दौड़ लगा आए हैं। जिला प्रधानगी के लिए अहम मुकाबला पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व वरिष्ठ नेता अश्वनी पप्पू, पंजाब सीवरेज बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरमैन व वरिष्ठ पार्षद राजकंवल प्रीत सिंह लक्की और कांग्रेस के पूर्व सचिव राजबीर शर्मा के बीच बना हुआ है। पप्पू के सभी विधायकों के अलावा आलाकमान तक सीधे संबंध है। लक्की निगम में विपक्षी दल नेता रहे है और जनसमस्याओं को लेकर सत्ताधारियों को घेरते रहे हैं। शर्मा पहले भी प्रधानगी की दौड़ में रहे हैं और तब भी प्रधान घोषित होते होते रह गए थे।

इनकी भी दावेदारी कम नहीं इसके अलावा राहुल ब्रिगेड में यूथ कांग्रेस के मास्टर कोच रहे अरुण जोशी ने भी प्रधानगी के लिए अपना दावा ठोका हुआ है। कांग्रेस के कई ओहदे पर वह सेवाएं दे चुके है और दिल्ली दरबार तक उनकी सीधी सुनवाई है। जिला कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि बख्शी भी प्रधानगी के दावेदारों में से एक हैं। 1979 से वह कांग्रेस में सक्रिय हैं और कई अहम पदों पर दायित्व निभा चुके है। प्रसिद्ध कारोबारी व पूर्व पार्षद किशन कुमार कुक्कू का नाम भी प्रधानगी के लिए प्रमुखता से लिया जा रहा है। पार्षद जतिदर सिंह मोती भाटिया भी प्रधानगी की दौड़ में हैं।

दूसरी पारी के लिए सोनिया भी सक्रिय निर्वतमान प्रधानगी जतिदर सोनिया भी दूसरी बार के लिए खासी सक्रिय हुई पड़ी हैं। पीपीसीसी द्वारा जिला कमेटियां भंग किए जाने के बावजूद सोनिया बतौर निवर्तमान प्रधान के मैदान में अपनी टीम के साथ डटी हुई हैं। पिछले दिनों चली अहम मूवमेंट जिसमें घरेलू गैस सिलेंडरों के रेट में वृद्धि और पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि के लिए रखे गए प्रोग्रामों में उन्होंने अपनी सक्रियता व ताकत दिखाई। पिछले दिनों में सोनिया लगातार सक्रिय है और अपनी टीम के साथ वह कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ती, जिसके जरिये वह हाईकमान को संकेत दे सकें कि वह शहर में कितनी सक्रिय हैं।


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