सीकेडी सदस्यों ने धार्मिक मर्यादा के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की
चीफ खालसा दीवान के कुछ सदस्यों ने प्रधान डा. इंद्रबीर सिंह निज्जर व उनके साथियों पर धार्मिक मर्यादा और सिख सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाए हैं। सदस्य प्रो. बलजिंदर सिंह ने प्रधान को चिट्ठी लिखकर इस पर कार्रवाई की मांग की है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर चीफ खालसा दीवान के कुछ सदस्यों ने प्रधान डा. इंद्रबीर सिंह निज्जर व उनके साथियों पर धार्मिक मर्यादा और सिख सिद्धांतों के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाए हैं। दीवान के सदस्य अवतार सिंह, सरबजीत सिंह, अमरजीत सिंह भाटिया, नवदीप सिंह और हरकंवल सिंह कोहली ने बताया कि इस संबंधी 10 सितंबर तक एक अन्य सदस्य प्रो. बलजिंदर सिंह ने प्रधान को चिट्ठी भी लिखी थी, जिसका वह समर्थन करते है।
इस चिट्ठी में 20 अगस्त को गुरुद्वारा साहिब में दीवान की जनरल हाउस की मीटिंग के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हाजिरी में प्रधान के नजदीक बैठे सदस्य व दूसरे ग्रुप के सदस्यों के बाद बहस शुरु हो गई। जिसके बाद बहुत ही अभद्र शब्दों का प्रयोग किया गया। यहां तक कि कुछ सदस्यों की ओर से एक-दूसरे की दस्तार तक उतारने की धमकी दी गई। इस घटना से विद्यार्थियों, स्टाफ और सिख संगत पर बुरा असर हुआ है।
उन्होंने बताया कि डा. निज्जर ने विश्वास दिलवाया था कि आरोपितों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी, जो कि शायद इस कारण लटकाई जा रही है, क्योंकि आरोपित डा. निज्जर के करीबी है। उक्त सदस्यों ने मांग की है कि धार्मिक मर्यादा होने के तहत इसे पहल के आधार पर हल करना चाहिए। इसके अलावा अगर गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा न बनाकर रखी गई तो भविष्य में मीटिंग आडोटोरियम में की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रो. बलजिंदर सिंह की चिट्ठी में यह भी एतराज किया गया है कि एक तरफ तो कुछ लोग धर्म परिवर्तन करवा रहे है। दूसरी तरफ दीवान के ही लिंक रोड स्थित स्कूल में प्रिंसिपल की ओर से मदर ट्रेसा के जन्म दिवस के मौके पर भाषण दिया जा रहा था।
इस मामले की जांच के लिए गठित की गई पांच सदस्यों की कमेटी काम नहीं कर सकी। क्योंकि इसके तीन सदस्य बागी हो गए थे। आरोपित सदस्यों और प्रिंसिपल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पूरे मामले का हल निकालने के लिए धर्म प्रचार कमेटी की सलाह तक नहीं ली गई। चिट्ठी में डा. निज्जर से निवेदन किया गया है कि 20 सितंबर को स्वर्गवास हुए भाई घन्हैया जी के जीवन पर लेख, भाषण, कविता और चित्र प्रतियोगिता करवाई और जरूरतमंद लोगों के लिए मेडिकल कैंप लगाए जाएं।