सीकेडी के पूर्व अध्यक्ष चड्ढा ने मौजूदा अध्यक्ष निर्मल सिंह पर ठोका 10 करोड़ का मानहानि का केस
। चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह चड्ढा ने मौजूदा प्रधान निर्मल सिंह द्वारा उनके कार्याकाल में किताबों के मामले में 60 करोड़ के घोटाले के आरोप को बेबुनियाद बताया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह चड्ढा ने मौजूदा प्रधान निर्मल सिंह द्वारा उनके कार्याकाल में किताबों के मामले में 60 करोड़ के घोटाले के आरोप को बेबुनियाद बताया है। चड्ढा ने मामले को लेकर निर्मल सिंह के खिलाफ अदालत में अपराधिक व सिविल दो मामले दायर कर दिए हैं। उन्होंने निर्मल सिंह पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि का केस दायर किया है। वहीं श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से अपील की है कि सारे मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करें ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस बात की जानकारी चड्ढा ने पत्रकारवार्ता में दी।
अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद विवादों में घिरे रहे सीकेडी के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह चड्ढा ने कहा कि उन पर कथित पुस्तक घोटाले के जो आरोप लगाए गए हैं उसके लिए पूरी तरह निर्मल सिंह जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि अपने 13 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने बड़े स्तर पर सीकेडी के शिक्षण संस्थानों को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके कार्यकाल में सारा काम पारदर्शी ढंग के साथ होता था। एक पैसे की भी हेराफेरी की संभावना नहीं थी। गत समय के दौरान कुछ घटनाओं के कारण उन्हें चाहे सीकेडी से इस्तीफा देना पड़ा लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उन पर पैसे की हेराफेरी के आरोप लगाकर उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की जाए। उन्होंने अपने समय के दौरान सीकेडी के विकास के लिए किए कार्यों का विवरण भी दिया। इस दौरान सीकेडी के पूर्व वित्तीय सचिव नरेन्द्र सिंह खुराना ने कहा कि किताबों के घोटाले को लेकर 29 जुलाई 2019 को दीवान के पदाधिकारियों की मीटिग हुई थी। इसमें उनकी तरफ से 60 करोड़ रुपए की किताबों में घोटाले की बात कही गई थी लेकिन इस संबंध में जब उन्होंने अकाउंटेंटों से जांच करवाने के लिए कहा तो इस संबंध कमेटी ने कोई कदम नहीं उठाया। खुराना ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों में विद्यार्थियों को अच्छे प्रकाशकों की किताबें व साथ ही बच्चों को हेल्प बुक्स उपलब्ध करवाई जाती थी जो जिस कीमत पर मिलती थी उसी तरह ही दी जाती थी। इस संबंध में हेराफेरी की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती।
चड्ढा ने कहा कि मौजूदा प्रधान निर्मल सिंह सीकेडी की तीन महत्वपूर्ण संस्थाओं के मेंबर इंचार्ज होने के साथ-साथ उस समय रेजीडेंट प्रधान भी रहे इसलिए उनको उस समय इस संबंध में बोलना चाहिए था। उनके अनुसार किताबों के लिए सारे पैसे माता-पिता द्वारा स्कूलों में ही दिए जाते थे। वहीं अधिकतर स्कूलों के मेंबर इंचार्ज आज भी चीफ खालसा दीवान के पदाधिकारी हैं। चड्ढा ने कहा कि अगर उन पर लगाए गए आरोप साबित हो जाएं तो वह 60 करोड़ की बजाए 120 करोड़ हर्जाना सीकेडी को देंगे। अगर यह आरोप बेबुनियाद निकले तो मौजूदा प्रधान निर्मल सिंह पर मानहानि के अलावा उनको सीकेडी से बाहर निकालने की भी वह श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मांग करेंगे। उन्होंने मामले को लेकर अकाल तख्त समेत अन्य तख्तों के जत्थेदारों को लिखित में जानकारी भेज दी है।
दूसरी ओर चीफ खालसा दीवान के अध्यक्ष निर्मल सिंह ने कहा कि चड्ढा पर घपले के आरोप दीवान की ओर से मामले की जांच के लिए बनाई गई जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही लगाए गए हैं। इस संबंध में तख्त साहिबान के जत्थेदारों को भी पत्र भेजे गए हैं। जांच कमेटी ने पाया कि चड्ढा के कार्यकाल में करीब 60 करोड़ रुपये की कथित घपलेबाजी किताबों के मामले में सामने आई है। इस पर आगे भी जांच चल रही है, आरोप बेबुनियाद नहीं है।