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हम कर रहे हैं काम, ताकि आप कोरोना के शिकार न हों

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरा स्वास्थ्य विभाग जुटा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 11:45 PM (IST)Updated: Wed, 25 Mar 2020 06:03 AM (IST)
हम कर रहे हैं काम, ताकि आप कोरोना के शिकार न हों
हम कर रहे हैं काम, ताकि आप कोरोना के शिकार न हों

नितिन धीमान, अमृतसर : कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए पूरा स्वास्थ्य विभाग जुटा है। इन सब के बीच सिविल सर्जन डॉ. प्रभदीप कौर जौहल की प्रभावी रणनीति भी बेहद कारगर साबित हुई। पिछले डेढ़ माह से डॉ. प्रभदीप जौहल ने दिन-रात 'कोरोना को कहो ना' के लिए ग्राउंड लेवल पर काम किया है, जो अभी भी जारी है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की मुखिया होने के कारण उनकी जिम्मेदारी भी बड़ी थी और उन्होंने इसका कर्तव्यनिष्ठा से निर्वाह भी किया।

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19 मार्च को यूके से एक शख्स अमृतसर पहुंचा था। यह शख्स यूके से दिल्ली एयरपोर्ट पर आया और वहां से शताब्दी एक्सप्रेस से अमृतसर पहुंच गया। कोरोना पॉजिटिव इस शख्स के विषय में सिविल सर्जन को जानकारी मिली तो उन्होंने उसे फौरन अस्पताल पहुंचाया। उनके इस प्रयास से पूरा शहर कोरोना संक्रमण से बच गया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने डॉ. जौहल की प्रशंसा भी की थी।

डॉ. जौहल बताती हैं कि पिछले डेढ़ माह से न खाने का वक्त मिला और न ही नींद पूरी करने का। कभी एयरपोर्ट, कभी अटारी सीमा तो कभी क्वारंटाइन सेंटरों तक पहुंचती हैं, ताकि कहीं जागरूकता की कमी न रह जाए। इन दिनों रोजाना 400 से 500 फोन कॉल आ रहे हैं। कोई सूचना देता है तो कोई अफवाह उड़ाता है। उन्होंने बताया कि वे अफवाहों को भी गंभीरता से लेकर जिस क्षेत्र में संदिग्ध होने की सूचना मिली वहां फौरन पहुंची।

डॉ. जौहल ने सिविल अस्पताल, गुरुनानक देव अस्पताल, रीहैबिलिटेशन सेंटर, महिला अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल, घनुपुर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन वॉर्ड बनाए। कोरोना की रोकथाम के लिए रैपिड रिस्पांस टीमों का गठन भी किया। वास्तव में यह सब उनकी ड्यूटी का ही हिस्सा है, पर उन्होंने जिस कर्तव्यनिष्ठा से इसे अंजाम दिया उसकी तारीफ पंजाब सरकार ने की है।

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लोग क्वारंटाइन का मतलब नहीं समझ रहे

डॉ. जौहल के मुताबिक कोरोना का प्रसार रोकना बेहद जरूरी है। अफसोस, लोग जागरूक होने को तैयार नहीं। श्री आनंदपुर साहिब के पॉजिटिव मरीज की ही उदाहरण लें। उसने कितने ही लोगों तक कोरोना संक्रमण कर दिया। विदेश से आने वाले लोगों को हम क्वारंटाइन करते हैं, लेकिन वे 14 दिनों तक घर में रुक नहीं रहे। कुछ दिन पूर्व विदेश से आए एक शख्स को हमने होम क्वारंटाइन किया। उसकी कलाई पर मुहर भी लगाई, पर यह शख्स श्री हरिमंदिर साहिब में मिला। ऐसे लोगों से कोरोना का संक्रमण होने का खतरा है। लोगों को क्वारंटाइन का अर्थ व महत्व समझना ही होगा। जिस दिन सरकार ने जनता क‌र्फ्यू व लॉकडाउन का आदेश दिया था, उस दिन यदि लोग घर पर ही बैठे रहते तो आज क‌र्फ्यू की स्थिति उत्पन्न न होती। मेरी लोगों से यह प्रार्थना है कि वे अब घरों में रहें।


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